रुड़की

भगवान श्री राम का स्मरण करने से मिलता है शक्ति व ज्ञान, उनके आदर्शों को जीवन में उतारें: आचार्य रमेश सेमवाल

इमरान देशभक्त रुड़की प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(इमरान देशभक्त) रुड़की। अयोध्या में श्री राम प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के शुभ अवसर पर ज्योतिष गुरुकुलम रुड़की में चल रही श्री राम कथा के सातवें दिन कथा व्यास आचार्य रमेश सेमवाल जी महाराज ने कहा कि भगवान श्री राम का पूजन करने से शक्ति व ज्ञान मिलता है, ऐश्वर्य और ऊर्जा प्राप्त होती है। भगवान श्री राम सूर्यवंशी हैं श्री राम की पूजा करने से सूर्य भगवान का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त होता है। शक्ति का संजय होता है तथा विद्या व धन प्राप्ति होती है भगवान श्री राम चरित्रवान है चरित्र और दिव्यता प्राप्त होती है। भगवान श्री राम का चरित्र और पूजा विश्व के लिए अनुकरणीय है संपूर्ण मानव जाति भगवान श्री राम के आदर्शों पर चलकर राम राज्य की स्थापना कर सकती है। आचार्य रमेश सेमवाल महाराज ने कहा कि श्री राम जी की पूजा से संपूर्ण देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। श्री राम की पूजा जिसने भी की वह अमर तत्व को प्राप्त हो गया, श्री हनुमान जी इसके अनुपम उदाहरण हैं। श्री हनुमान जी निरंतर श्री राम की सेवा और पूजा की तो श्री राम जी ने हनुमान जी को अमर तत्व का वरदान दे दिया। इसलिए हम सबको निरंतर श्री राम की पूजा,आराधना व उपासना करनी चाहिए। कथा व्यास ने कहा कि श्री राम की पूजा शबरी व केवट ने की, ऋषि-मुनियों की आदिवासी बनवासियों ने की सबको भगवान ने वरदान दिया, अहिल्या का उद्धार किया।भगवान श्री राम की पूजा करने से व्यक्ति का चारित्रिक विकास होता है तथा सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। भारत के युवा शक्ति को बलवान होना चाहिए, सत्यवान होना चाहिए। ऊर्जावान होना चाहिए और विद्वान होना चाहिए, जो भी भगवान श्री राम की पूजा करता है वह सर्वगुण संपन्न हो जाता है, उसके जीवन में कोई कमी नहीं रहती।वह अपने उद्देश्य को पूर्ण करता है। उसके जीवन में झूठ, छल, कपट, राग, द्वेष नहीं रहते हैं वह पूर्णता सर्वगुण संपन्न हो जाता है। उसके जीवन में राम तत्व की प्राप्ति हो जाती है जो राम का हो गया उसके सभी कार्य संपन्न हो जाते हैं। उसके चरित्र में राम तत्व प्रवेश कर जाता है, इसीलिए सभी महान भक्तों ने भगवान श्री राम की पूजा की और पुण्य को प्राप्त किया।हमें चौरासी लाख योनि के बाद मनुष्य शरीर मिला है, इसलिए हमें निरंतर श्रीराम का भजन, कीर्तन व पूजा करनी चाहिए। भगवान श्री राम ने राक्षसों को भी मुक्ति दी तो भक्तों का तो कहना ही क्या है, इसलिए निरंतर भगवान श्री राम के तत्व की तलाश करनी चाहिए और भगवान श्री राम की पूजा-पाठ, आराधना करनी चाहिए। इस अवसर समाज सेविका रश्मि चौधरी, सुलक्षणा सेमवाल, इंद्रमणि सेमवाल, आदिती सेमवाल, चित्रा गोयल, राधा भटनागर, प्रवीन शास्त्री, राम विलोचन शास्त्री, पार्षद चंद्रप्रकाश बाटा, प्रदीप वादवन, सीमा वर्मा, सोनिया पुंडीर, मनीष मित्तल, निशा, प्रतीक्षा, परीक्षा नरेंद्र भारद्वाज, शिखा शर्मा, मनोरमा आदि उपस्थित रहे।

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