तीर्थ नगरी हरिद्वार पतित पावनी मां गंगा नदी में गंदगी के ढेर निकलने से खुली जिला प्रशासन की पोल
चर्चा: श्रद्धालुओ के साथ ही स्थानीय जनता ने अधिकारियों पर उठाए सवाल
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) हरिद्वार। तीर्थ नगरी हरिद्वार भारत का बहुत बड़ा तीर्थ स्थल है, जो कि देश भर लोगों का आस्था का केन्द्र माना जाता है वहीं मां गंगा नदी में पितृ की मोक्ष प्राप्ति हेतु यहां आते हैं। जहां गंगा नदी में स्नान कर दान पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं जहां एक ओर दिन भर लाखों श्रद्धालु मां गंगा में स्नान कर जीवन धन्य कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर मोक्षदायनी मानी जाने वाली मां गंगा की मर्यादा को तार तार किया जा रहा है। जहां भारत सरकार स्वच्छ भारत सुन्दर भारत के दावे कर रही है तो वहीं पतित पावनी मां गंगा नदी में गंदगी के अंबार लगने से भारत सरकार व राज्य सरकार के दावों की पोल खोल दी है। आपको बता दें कि हरिद्वार हरकी पैड़ी एवं अन्य गंगा घाटों की ओर गंगा नदी में गंदगी के ढेर लगे रहते हैं, लेकिन इस ओर किसी तरह से कोई अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं। जबकि गंगा नदी की स्वच्छता हेतु लाखों रुपए का बजट विभाग को भेजा जाता है। उसके बावजूद गंगा नदी की यह दुर्दशा देखकर आस्था शर्मशार हो रही है। तीर्थ नगरी हरिद्वार गंगा नदी में गंदगी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं कि जब इतने बड़े तीर्थ स्थल पर गंदगी का यह आलम है तो भला अन्य स्थानों की क्या हालत होगी। चर्चा है की श्रद्धालुओ व स्थानीय जनता ने अधिकारियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि हरकी पैड़ी से कुछ दूरी पर कांगड़ा घाट पर पिछले काफी समय से गंदगी के ढेर जमा हो गए थे, जिससे दुर्गन्ध आने से आस पास के लोगों को काफ़ी दिक्कत हो रही है लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारी गहरी नींद में सोए हुए हैं। जबकि गंगा नदी की सफ़ाई हेतु सरकार द्वारा लाखों रुपए का बजट विभाग को दिया जाता है। उसके बावजूद गंगा नदी में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि विभागीय अधिकारियों द्वारा सफ़ाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर इतिश्री कर दी जाती है। जबकि इन्ही गंगा घाटों पर श्रद्धालु स्नान करने आते हैं लेकिन गंदगी से भरी गंगा नदी को देख श्रद्धालुओ में विभागीय अधिकारियों के प्रति गुस्सा देखने को मिलता है। वहीं चर्चा बनी रहती है कि जब सरकार द्वारा गंगा नदी की सफ़ाई हेतु लाखों रुपए विभाग को दिया जाता है तो फिर वह पैसा कहां खर्च किया जा रहा है। वहीं स्थानीय जनता ने राज्य सरकार व जिला प्रशासन से मांग की है कि गंगा नदी की स्वच्छता पर ध्यान देना चाहिए
जिससे मां गंगा की मर्यादा भी बनी रहे।