हरिद्वार

संतों का जीवन परोपकार के लिए समर्पित: महंत रविन्द्र पुरी

ध्रुव चैरिटेबल ट्रस्ट हॉस्पिटल पहुंचकर संतों ने डाली श्री राम महायज्ञ में आहुति

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(नीटू कुमार) हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविन्द्र पुरी महाराज एवं अन्य गणमान्य संत-महंतो ने श्यामपुर के श्री ध्रुव चैरिटेबल ट्रस्ट हॉस्पिटल में रहे श्री राम महायज्ञ में भाग लिया और आहुति डालकर जनकल्याण की कामना की। सभी संतों ने एकस्वर में संत बालकदास महाराज के प्रयासों की सराहना करते हुए साधुवाद दिया। इस मौके पर रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा कि संतों का जीवन परोपकार के लिए होता है और संत बालकदास इसी परंपरा का निर्वहन कर रहे हैं। उन्होंने ग्रामीणों के स्वास्थ्य लाभ के लिए हास्पिटल का निर्माण भी कराया है। वहीं यज्ञ तप के माध्यम से लोगों के जीवन में नई चेतना का संचार कर जीवन सुधारने का प्रयास कर रहे हैं। महामंडलेश्वर हरिचैतानंद महाराज ने कहा कि विकास की दृष्टि से पिछड़े क्षेत्र में विकास के लिए बाबा बालक दास ने हास्पिटल का निर्माण कराया और अब नर्सिंग कालेज एवं श्रीराम मंदिर का निर्माण कराने वाले हैं। निश्चित तौर पर आने वाले समय में क्षेत्रवासियों को बेहद लाभ होगा। पूर्व नगर पालिका चेयरमैन सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि संत बालकदास के भीतर प्रेम दया और करुणा की भावना कूट-कूट कर भरी हुई है। महंगाई के दौर में श्री ध्रुव चैरिटेबल ट्रस्ट हॉस्पिटल में रियायती दरों पर ईलाज की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। बाबा बालकदास महाराज ने सभी गणमान्य संत-महंतो को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस मौके पर महामंडलेश्वर ध्रुवदास महाराज, देवदास महाराज, कमल किशोर दास महाराज, प्रशांत चौधरी, डॉ संजीव तोमर, बृजबिहारी, विनोद शर्मा सहित अन्य लोग मौजूद रहे। श्री ध्रुव चैरिटेबल ट्रस्ट हॉस्पिटल सजनपुर पीली गांव थाना श्यामपुर में चल रहे 108 कुंडीय श्रीराम महायज्ञ में बुधवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविन्द्र पुरी महाराज महंत स्वामी ज्ञान देव सिंह, महंत भगत राम, महंत हरिचैतानंद महाराज, महंत अयोध्याचार्य महाराज, महंत बाबा हठ योगी महाराज, महंत राघवेंद्र दास महाराज, महंत गोविंद दास महाराज, महंत जसविंदर सिंह महाराज, महंत विश्वेश्वर आनंद महाराज, महंत दुर्गा दास महाराज, महंत केशव दास महाराज, महंत रामानंद दास महाराज, महंत सतपाल ब्रह्मचारी महाराज सहित अन्य गणमान्य संत महंतों 108 कुंडीय महायज्ञ में शामिल होकर आहुति डाली और 108 कुंडीय महायज्ञ मंडप की परिक्रमा कर पुण्य लाभ अर्जित किया।

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