हरिद्वार में भागीरथी साहित्य सम्मान-2023 से सम्मानित किये गये साहित्यकार
राजेश कुमार उत्तराखंड प्रभारी
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) हरिद्वार। सनातन धर्म के प्रमुख तीर्थ स्थल, हर की पौड़ी के नजदीक श्री नीलकंठ धाम के सभागार में ट्रू मीडिया ग्रुप की ओर से दो दिवसीय ट्रू मीडिया हरिद्वार साहित्य महोत्सव-2023 का भव्य आयोजन किया गया। महोत्सव के पहले दिन, 16 दिसंबर 2023 को देश- विदेश के अनेक शहरों से पधारे साहित्यकार, हर की पौड़ी पर माँ गंगा की आरती में शामिल हुए और हर की पौड़ी पर श्री गंगा सभा के अध्यक्ष ने ट्रू मीडिया हरिद्वार साहित्य महोत्सव के साहित्यकारों को पुष्पहार एवं पुष्पगुच्छ भेट कर स्वागत किया। दूसरे दिन 17 दिसंबर, 2023 को हरिद्वार के प्रसिद्ध श्री नीलकंठ धाम के सभागार में माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलित एवं शंखनाद कर साहित्य, कला, संस्कृति, शिक्षा एवं पत्रकारिता पर विचार- विमर्श हेतु एक गोष्ठी आयोजित की गई तथा उसके बाद विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले साहित्यकारो को भागीरथी साहित्य सम्मान 2023 से नवाजा गया। इस सम्मान समारोह में-दिल्ली, हरियाणा, नोएडा, गाज़ियाबाद, बंगलौर, लखनऊ, हरिद्वार, उतराखंड, प्रतापगढ़ तथा उत्तर प्रदेश के शहरों से पधारे साहित्यकारों को सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह के कार्यक्रम को तीन सत्रों में बांटा गया। प्रथम सत्र की अध्यक्षता डॉ. अशोक मैत्रेय ने की। श्री अशोक गुप्ता मुख्य अतिथि, डॉ. ओमप्रकाश प्रजापति स्वागत अध्यक्ष, श्रीमती रमा शर्मा जापान, सुश्री उषा किरण, डॉ. सुनीता चंदाला शिक्षाविद, यूएसए, कैलिफोर्निया, डॉ. सूक्ष्म लता महाजन, और श्री ओमप्रकाश शुक्ल विशिष्ट अतिथि रहें। इस अवसर पर स्व. पवन जैन संस्थापक- आगमन के जन्मदिवस के मौके पर अशोक गुप्ता, डॉ. ओमप्रकाश प्रजापति एवं तमाम साहित्यकारों ने स्व. पवन जैन को पुष्प अर्पित किये, इस सत्र का मंच संचालन-श्रीमती उषा श्रीवास्तव ने किया। दूसरे सत्र की अध्यक्षता डॉ. संजय जैन अध्यक्ष ने की। पंडित नमन मुख्य अतिथि, डॉ. ओमप्रकाश प्रजापति स्वागत अध्यक्ष, डॉ. मनोज कामदेव, डॉ. कविता मल्होत्रा, विवेक बादल बाजपुरी, सतेन्द्र सिंह, श्रीमती अपर्णा थपलियाल, सरोज शर्मा तथा श्रीमती फोज़िया अफजाल विशिष्ट अतिथि रहें। मंच संचालन-श्रीमती पूजा श्रीवास्तव ने किया। अंतिम सत्र की अध्यक्षता विनोद पाराशर ने की। हरेंद्र पंडित मुख्य अतिथि, भूपेन्द्र राघव, एस.पी दीक्षित, डॉ. कीर्ति रतन रतन, देवेंद्र प्रकाश शर्मा, डॉ. अर्चना गर्ग विशिष्ट अतिथि, मधु बाला रुस्तगी, डॉ. कविता मल्होत्रा रहे। मंच संचालन- श्रीमती पूजा श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर ट्रू मीडिया के संपादक डॉ. ओमप्रकाश प्रजापति ने अपने स्वागत वक्तव्य में कहा कि महान राजा भगीरथ गंगा नदी को अपने पूर्वजों को मुक्ति दिलवाने के लिए स्वर्ग से पृथ्वी तक लाये थे। हरिद्वार को ‘गंगाद्वार’ व ‘हर की पौड़ी’ भी कहा जाता है। यह हिन्दुओं के सात पवित्र स्थलों में से एक है। मान्यता है कि चार स्थानों पर अमृत की बूंदें गिरी थीं। वे स्थान हैं:- उज्जैन, हरिद्वार, नासिक और प्रयाग। इन चारों स्थानों पर बारी-बारी से हर 12 वें वर्ष महाकुम्भ का आयोजन होता है। भक्तों का मानना है कि वे हरिद्वार में पवित्र गंगा में एक डुबकी लगाने के बाद स्वर्ग में जा सकते हैं। आज हरिद्वार का केवल धार्मिक महत्व ही नहीं है बल्कि यह एक आधुनिक सभ्यता का मंदिर भी है। ऐसे पवन पवित्र स्थल पर स्नान करना, साँस लेना, सम्मान प्राप्त करना मानो जीवन के स्वप्न पूरे होने जैसा है। ट्रू मीडिया हरिद्वार साहित्य महोत्सव-2023 में जिन साहित्यकारों को साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए ‘भागीरथी साहित्य सम्मान-2023’ से नवाजा गया, उनमें शामिल थे -श्री विनोद पाराशर, देवेन्द्र प्रकाश शर्मा, डॉ अशोक मैत्रेय, सुश्री भावना शर्मा, संदीप सिंहानिया प्रजापति, एस.पी दीक्षित, श्रीमती उषा श्रीवास्तव, डॉ. अर्चना गर्ग, श्रीमती उर्वी ऊदल, श्रीमती अपर्णा थपलियाल, डॉ.सूक्ष्मलता महाजन, डॉ. मनोज कामदेव, श्रीमती अंजना जैन, श्रीमती कीर्ति रतन, श्रीमती रमा शर्मा, जापान, डॉ. सुनीता चंदाला, भूपेंद्र राघव, श्रीमती पूजा श्रीवास्तव, श्रीमती सुशीला देवी, डॉ. ओमप्रकाश प्रजापति, अशोक कुमार, पंडित नमन, हिमांशु शुक्ल, डॉ. संजय जैन, विवेक बादल बाजपुरी, अशोक गुप्ता, विनोद महाजन सरल, गिरीश चावला, सुश्री प्रभा दीपक शर्मा, शिवशंकर लोध राजपूत, महेश प्रजापति, ज्ञानेंद्र शर्मा प्रयागी, हरेन्द्र पंडित, सुरेन्द्र सिंह रावत, नीरज कुमार, फोज़िया अफजल फिजा, ओमप्रकाश शुक्ल ओम, डॉ. कविता मल्होत्रा, श्रीमती ऋतू रस्तोगी, अंकुर रस्तोगी, श्रीमती बबीता झा, श्रीमती अर्चना झा, सतेन्द्र सिंह, श्रीमती संगीता वर्मा, श्रीमती अर्चना मेहता, श्रीमती ईशा भारद्वाज, सुश्री नीलम गुप्ता, सुश्री मधु बाला रुस्तगी आदि सम्मानित हुए।