रुड़की

क्षेत्र के जाने-माने स्वतंत्रता सेनानी बाबू आशाराम सैनी को उनकी पुण्यतिथि पर दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि

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(इमरान देशभक्त) रुड़की। रुड़की क्षेत्र के जाने-माने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय बाबू आसाराम सैनी की 33वीं पुण्यतिथि आज उनके समाधि स्थल ग्राम जलालपुर डाडा तहसील भगवानपुर में समारोह पूर्वक मनाई गई। उनका देहांत 25 में सन् 1991 को हुआ था। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 9:00 बजे हवन द्वारा किया गया जो 10:00 बजे तक चला, इसमें स्वतंत्रता सेनानी परिवारजन के अतिरिक्त काफी संख्या में ग्रामवासी तथा क्षेत्रवासी उपस्थित रहे। हवन के बाद सभी आगंतुकों ने समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करके स्वतंत्रता सेनानी के प्रति अपना सम्मान प्रदर्शित किया। इसअवसर पर एक संक्षिप्त श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें वक्ताओं ने अपने विचार प्रकट किये ।रुड़की से पधारे स्कॉलर्स अकादमी के अध्यक्ष श्याम सिंह नागयान ने स्वतंत्रता सेनानी बाबू आसाराम द्वारा इस देश की आजादी में दिए गए योगदान को याद करते हुए कहा कि अपनी प्रतिष्ठित सरकारी नौकरी को छोड़कर महात्मा गांधी के आवाहन पर बाबू आसाराम सैनी तत्समय स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े और लगभग ढाई-तीन वर्ष तक जेल में बन्द रहे। हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को कभी भुला नहीं सकते हैं। महात्मा ज्योतिबा फुले सैनी धर्मशाला रुड़की के अध्यक्ष श्री समय सिंह सैनी ने बाबू आसाराम सैनी के परिवार की इस बात के लिए प्रशंसा की कि वह प्रतिवर्ष समाधि स्थल पर पुण्यतिथि का कार्यक्रम आयोजित करते हैं और इस प्रकार स्वतंत्रता सेनानी की स्मृतियों को ताजा बनाए रखते हैं। विद्युत विभाग से सेवानिवृत हुए लगभग 80 वर्षीय श्री तेलूराम सैनी ने जब बाबू आसाराम सैनी के संस्मरणों को सुनाया तो वह भावुक हो गए और उन्होंने बताया कि किस तरह बाबू आसाराम सैनी ने पढ़ाई-लिखाई करने में उनकी मदद की थी जिस कारण वह पढ़ लिख कर एक अच्छी नौकरी पा सके थे। भगवानपुर क्षेत्र की लोकप्रिय विधायक श्रीमती ममता राकेश ने इस अवसर पर बोलते हुए स्वतंत्रता सेनानी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की तथा बताया कि ऐसे ही लाखों स्वतंत्रता सेनानियों की बदौलत हमारा देश आजाद हुआ तथा हमें आजादी से रहने और जीने का मौका प्राप्त हुआ है ।हमें स्वतंत्रता सेनानियों ने एक ऐसा संविधान दिया जिसमें हर गरीब- अमीर को समान अधिकार प्रदान किए गए हैं ।अब यह हमारा कर्तव्य है कि हम इस देश की आजादी, इस देश के लोकतंत्र और इस देश के संविधान की रक्षा आगे बढ़कर करें, यही देश के स्वतंत्रता सेनानियों को हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी। रुड़की के वरिष्ठ साहित्यकार पत्रकार एवं शहीद जगदीश वत्स के भांजे श्री गोपाल नारसन ने माउंट आबू से अपने मोबाइल संदेश के द्वारा बाबू आसाराम सैनी को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कहा कि आज हम सबको इस बात का संकल्प लेना चाहिए कि हम स्वतंत्रता सेनानियों के बताए हुए रास्ते पर चलेंगे और इस देश की आजादी और संविधान को सुरक्षित एवं संरक्षित रखेंगे। श्रद्धांजलि सभा को कोटा इंटर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य श्री ओम प्रकाश सैनी, आर.एन.आई इंटर कॉलेज के पूर्व प्रवक्ता श्री नवीन शरण निश्चल, यादवेंद्र शरण, डॉ. संजीव कुमार सैनी, मोहित सैनी ने भी संबोधित किया। छोटी बच्ची गुनगुन द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति की कविता की सभी ने प्रशंसा की।इसी प्रकार नर्सरी में पढ़ने वाले बच्चे कृष्ण की कविता को भी लोगों ने काफी सराहा।सभा के अन्त में स्वतंत्रता सेनानी बाबू आसाराम के सुपुत्र श्री सुरेन्द्र कुमार सैनी ने सभी आगंतुकों का अपनी तथा समस्त परिवार की ओर से धन्यवाद ज्ञापित किया।श्रद्धांजलि सभा में सैकड़ो लोग उपस्थित हुए जिनमें प्रमुख नाम है सर्वश्री धूम सिंह सैनी, जितेंद्र सैनी, धर्मपाल सिंह, राजपाल सिंह, देवांश सैनी,भरत सिंह, महावीर सिंह, मेघराज सिंह, शशांक सैनी, श्रीमती मिथिलेश सैनी, पूर्व प्रधान श्रीमती कमलेश सैनी, श्रीमती कविता सैनी, श्रीमती मधु सैनी,राजीव सैनी श्रीमती प्रियंका सैनी, श्रीमती दीपिका सैनी, रणवीर सिंह रावत, कुंवर पालसैनी, राजबहादुर सैनी आदि प्रमुख हैं।

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