हरिद्वार

विद्युत विभाग खुशहाल, जनता हो रही परेशान

हरिद्वार की जनता जाम से झुजती, तो रही-सही कसर विधुत विभाग ने कर रखी है पुरी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रजत चौहान) हरिद्वार। विद्युत विभाग वैसे तो बड़े-बड़े वादे करता है। कि सभी क्षेत्र में विद्युत नियमित रूप से प्रवाह कि जाती है। लेकिन इन दिनों जहाँ हरिद्वार क्षेत्र में दूर-दूर से आये तीर्थयात्रीयों का जमावड़ा लगा हुआ है। यहाँ होटल हो या धर्मशाला सभी फुल है। वहीं-ऐसे में अगर विधुत विभाग ही लापरवाही करे और यह घटना एक दिन की नहीं बल्कि प्रतिदिन ही दोहराई जा रही हो, ऐसे में बाहर से आये यात्री प्रदेश की क्या छवी अपने दिमाग में लेकर जायेंगे। कहने को उत्तराखण्ड में टिहरी बांध है, जो कि अपने प्रदेश के साथ-साथ अन्य जगहों पर भी बिजली देता है। वहीं हरिद्वार के साथ-साथ आस-पास क्षेत्रों हरिद्वार, खड़खड़ी, ज्वालापुर, शिवलोक जैसे कई रिहायसी इलाकों की भी बत्ती कब गुल हो जाये कह नहीं सकते, दिन हो या रात हो विधुत की आंख मिचोली का खेल चलता ही रहता है। आम जनता कितनी भी परेशान हो लेकिन अधिकारियों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आजकल हरिद्वार क्षेत्र जाम की समस्या से तो जुझ ही रहा था, लेकिन रही-सही कसर विधुत विभाग ने पुरी कर दी, अगर कही थोड़ी सी भी हवा चल जाये तो समझिये। विद्युत विभाग को एक और मौका मिल गया बत्ती गुल करने का, जब किसी विधुत विभाग के अधिकारी या जेईई को फोन किया जाता है तो उनका अक्सर एक ही रटारटाया श्लोक होता है जी हम कुछ कर नहीं सकते बत्ती ऊपर से ही गई हुई है। चाहे समस्या उन्हीं के क्षेत्र में हो लेकिन उन्हें तो बस बचने का अच्छा बहाना मिल जाता है। जब देश में डिजिटल इंडिया की बात हो रही हो यह हाल तब है, विधुत विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही का शिकार आम जनता होती है। बहुत से ऑफिस तो ऐसे है जहाँ पर या तो कोई होगा नहीं या साहब आने वाले होंगे ये सब देखने व सुनने को मिलता है। वैसे तो विद्युत विभाग बड़े-बड़े वादे करता है लेकिन इनके दावों की पोल हरिद्वार में साफ-साफ खुलती नजर आती है। ऐसे में जब ये मैदानी क्षेत्र में ही ऐसा करते है। तो जरा सोचिए पहाड़ी दुर्गम इलाकों में कैसे संचालन करते होंगे। वही विधुत विभाग ने जो खम्बों पर लाइट चोरी रोकने हेतु बाक्स लगाये थे। लगता है इन बाक्स की सुध लेने वाला भी कोई नहीं है, अधिकतर बाक्स खुले पड़े है या उनके ढक्कन टुट गये है। इस लापरवाही से निरन्तर कोई बड़ी घटना होने की संभावना बनी रहती है। अब देखना यह होगा कि क्या विद्युत विभाग कुंभकरण की नींद से जगाता है या नहीं यह तो अब आने वाला वक्त ही बताएगा।

Related Articles

Back to top button