देवभूमि उत्तराखंड में भ्रष्टाचार गाड़ी ने पकड़ी रफ्तार, 70 हजार की रिश्वत लेते आबकारी अधिकारी गिरफ्तार
डबल इंजन की सरकार में एक के बाद एक बड़े घोटालों ने खोली भ्रष्टाचार की पोल
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में भ्रष्टाचार अपने चरम सीमा पर है, जहां भ्रष्टाचार की गाड़ी ने अपनी रफ्तार इस कदर बढ़ा दी है कि अब लगाम लगाने में भाजपा सरकार के पसीने छूट रहे हैं, जहां डबल इंजन की सरकार बड़े बड़े मंचों से भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड बनाने के तरह-तरह से दावे कर रही है वहीं आए दिन एक के बाद एक भ्रष्टाचार के घोटालों के खुलासे होने से भ्रष्टाचार की पोल खुलती नजर आ रही है। जहां एक जिम्मेदार पदों पर बैठे अफसर ही भ्रष्टाचार में लिप्त हो रहे हैं तो वही नीचे बैठे कर्मचारी भी अपनी जेब भरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे। भ्रष्टाचार में डूबे अधिकारी एवं कर्मचारियों की वजह से कई सरकारी महकमों में आम जनता को अपना आवश्यक कार्य करवाने में भी कई चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। वहीं जनपद उधम सिंह नगर के आबकारी अधिकारी द्वारा 70 हजार की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस टीम द्वारा रंगे हाथों पकड़े जाने का मामला सामने आया है, जहां विजिलेंस टीम ने आबकारी विभाग के अधिकारी अशोक मिश्रा को 70 रूपए रिश्वत लेते हुए पकड़ा है। ऐसे बड़े अधिकारीयों द्वारा इस तरह की शिकायतें मिलने पर यह कहने से इनकार नहीं किया जा सकता कि जब इतने बड़े जिम्मेदार पद पर बैठे अधिकारी ही भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने में लगे हुए हैं तो अन्य विभागीय कर्मचारियों से क्या उम्मीद रखी जा सकती है। वैसे भी उत्तराखंड का यह पहला मामला नहीं है जहां भ्रष्ट अधिकारियों द्वारा एवं कर्मचारियों द्वारा सरकारी काम करने के नाम पर अपनी जेबें भरने का काम ना किया हो। कई बार सरकारी विभागीय अधिकारियों को किसी तरह की सूचना या शिकायत हेतु दिए गए सरकारी फोन पर सम्पर्क किया जाता है तो फोन तक रिसीव नहीं किए जा रहे जो शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस तरह की लापरवाही से प्रदेश में अपराध के मामले भी बड़ रहे हैं। वहीं चर्चा बनी हुई है कि इतने बड़े वेतन लेने वाले अधिकारियों को भी यदि रिश्वत के सहारा लेकर अपना गुजारा करना पड़ रहा है तो भला आम आदमी का क्या हाल होगा। आखिर देवभूमि उत्तराखंड में कब तक और किस तरह से भ्रष्टाचार से निजात मिल सकेगी यह तो अब आने वाला समय ही बताएगा।