हरिद्वार की गूंज (24*7)
(गगन शर्मा) हरिद्वार। उत्तराखंड के प्रमुख जिलों में से एक विश्व विख्यात “हरिद्वार” जिसे धर्मनगरी से भी संबोधित किया जाता है। उत्तराखंड बनने के इतने सालो बाद भी रानीपुर मोड़ क्षेत्र के व्यापारियों का दर्द और मानसिक चिन्ता दूर नही हो पाया है। जब जब इस क्षेत्र में लगातार एक घंटा बारिश हुई तो स्थानीय व्यापारियों का दिन का चैन और रात की नींद उड़ते देखी है। राज्य सरकार द्वारा यहां जल भराव की समस्या के समाधान के लिय समय समय पर एक बार नही कई बार बजट भी जारी किया। मगर समाप्त हुआ तो बजट न कि जल भराव की समस्या। कहा जाता है इस स्थान पर भेल की ओर से बरसाती पानी आता है जिसके कारण भगत सिंह चौक और चंद्राचार्य चौक “रानीपुर मोड़” पर जल भराव की समस्या इतने सालो से बनी हुई है। जिसके समाधान पानी निकासी के लिय प्रतिवर्ष नगर निगम की ओर से पानी निकालने के लिए कई कई मोटर लगाई जाती है। जिसके बावजूद यहां की दुकानों में पानी भरना आम बात हो गई है। पिछले साल कांवड़ मेले में भी इस स्थान पर भारी जल भराव देखने को मिला था। जलभराव होने पर यहां खडे दो पहिया वाहन हैंडल तक डूबते पानी में गिरते देखे जाते है। ऐस इंटरप्राइजेज से मोहित विश्नोई बताते हैं कि उनके ए.सी के शोरुम में एक बार नहीं हर साल गन्दा पानी और कीचड़ भरने से लाखो का नुकसान हो जाता है। वही दूसरी ओर आस्था और ठाकुर मेडिकल स्टोर में हर साल दवाई पानी के कारण खराब होने का खतरा बना रहता है। इस गंभीर समस्या के लिय कौन जिम्मेदार है? जिला प्रशासन के उच्च अधिकारी जो किसी दबाव के चलते अब तक स्थानीय व्यापारियों का दर्द दूर नही कर पाए है या इसके लिए लगातार लम्बे समय से विधायक मदन कौशिक की इच्छा शक्ति जिम्मेदार है? यहां के व्यापारियों को इस बात में रुचि नही कौन जिम्मेदार है उन्हे तो ऐसे मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी की प्रतीक्षा है जो अपने दृढ़ संकल्प और इच्छा शक्ति से व्यापारियों की दुकानों में जल भराव की समस्या से मुक्ति दिलाए।