हरिद्वार

आज़ादी के परवाने को जबलपुर में मिला सम्मान

रवि चौहान हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रवि चौहान) हरिद्वार। कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आपदा को अवसर में बदलने के राष्ट्रव्यापी आह्वान को अक्षरशः अंगीकार करते हुए आज़ादी के अमृत महोत्सव पर चेतना पथ के सम्पादक, कवि एवं साहित्यकार अरुण कुमार पाठक के काव्य संकलन ‘आजादी के परवाने’ (75 स्वाधीनता सेनानियों की वीरगाथा) को भारत की जानी-मानी साहित्यिक संस्था विश्ववाणी हिंदी संस्थान, जबलपुर (मध्य प्रदेश) द्वारा आयोजित ‘नर्मदा दिव्य अलंकरण समारोह, २०२४’ के अन्तर्गत ‘गोकुल प्रसाद बालमुकुंद त्रिपाठी हिंदी गौरव अलंकरण-२०२४’ से सम्मानित किया गया है। इसके अन्तर्गत उन्हें सम्मान निधि के साथ-साथ अलंकरण सम्मान पत्र भी प्रदान किया गया है। समारोह में देशभर से चुकी गयीं कुल 41 कृतियों व उनके लेखकों को सम्मानित किया गया। अरुण कुमार पाठक के उपरोक्त काव्य संकलन ‘आज़ादी के परवाने’, जिसमें 75 भारतीय स्वाधीनता सेनानियों पर कविताओं‌ का सचित्र प्रकाशन किया गया है, को वर्ष 2023  में वर्ल्डवाइड बुक आफ रिकार्ड्स द्वारा विश्व रिकार्ड के रूप में मान्यता प्रदान की गयी थी तथा देहरादून दूरदर्शन द्वारा भी अपने साहित्यिकी कार्यक्रम में इसी पुस्तक पर एक आधे घंटे की परिचर्चा का प्रसारण किया गया था। वर्तमान में अरुण कुमार पाठक द्वारा नगर की उभरती युवा गायिका सुश्री शीना भटनागर के साथ श्री गणेश चतुर्थी के अवसर पर पिछले दिनों यूट्यूब पर जारी किया गया गणपति भजन ‘आओ पधारो गजानना’ भी खूब लोकप्रिय हो रहा है। उल्लेखनीय है कि इसके पूर्व अरुण पाठक हरिद्वार महाकुम्भ- 2021 के अवसर पर महाकुम्भ तथा माँ गंगा के महत्व एवं परिदृश्यों को अपने उर में समेटे सात स्वरचित साथ गीतों की एक वीडियो एल्बम ‘ॐ नमामि गंगे’ तथा हरिद्वार काँवड़ मेले पर आधारित पाँच गीतों‌ की आडियो एलबम ‘सुनो माँ गंगा रही पुकार’, अयोध्या में श्रीराम मंदिर की स्थापना के अवसर पर बधाई गीत ‘बना प्रभुराम का मंदिर’ जारी किया और अपने स्वरों में संगीतमय श्रीगंगा अष्टोत्तरशतनाम (गंगाजी के 108 नाम) आडियो के निर्माण के माध्यम से हिंदू धर्म- संस्कृति का प्रचार-प्रसार कर चुके हैं। साथ ही यह जून, 2022 में पारिजात साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच द्वारा प्रकाशित 26 कवियों के साझा काव्य संकलन ‘पारिजात काव्य कलश’ का सह-सम्पादन तथा अनेक कवियों व लेखकों की व्यक्तिगत काव्य व गद्य पुस्तकों का सम्पादन कर चुके हैं।  
      

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