देहरादून

यातायात के लिए चुनौती बन रहे ‘पॉइंट्स’ को जांचने ग्राउंड ज़ीरो पर उतरे कप्तान अजय सिंह

राजेश कुमार देहरादून प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) देहरादून। शहर को यातायात से निजात दिलाने व हादसों का कारण बन रहे चौक, दोराहा व मुख्य सड़कों में सुधार के दृष्टिगत पुलिस कप्तान अजय सिंह निरंतर शहर भर में डेंजरस बन चुके पॉइंट्स का आंकलन को प्रयासरत है। जिस क्रम में आज पुलिस कप्तान अजय सिंह अपनी टीम संग नगर क्षेत्र का भ्रमण कर शहर के आउटर एरिया में बोटल नेक/दुर्घटना सम्भावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कप्तान अजय सिंह द्वारा निर्माणाधीन देहरादून-दिल्ली एक्सप्रेस वे का निरीक्षण कर एक्सप्रेस वे के शुरू होने के बाद आशारोड़ी तथा उसके आसपास के मार्गो पर पड़ने वाले यातायात के दबाव ल आंकलन लिया गया, साथ ही शहर के आउटर एरिया में आशारोड़ी, पण्डितवाड़ी, नन्दा की चौकी आदि स्थानों में बोटल नेक तथा दुर्घटना सम्भावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने हेतु प्रभावी कार्य योजना बनाने तथा यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही के साथ-साथ उन्हें, विशेषकर युवा वर्ग को, यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के निर्देश दिये गये। इस दौरान अजय सिंह द्वारा उक्त स्थानों पर पूर्व में हुयी सड़क दुर्घटनाओं के कारणों की जानकारी लेते हुये दुर्घटनाओं को रोकने के लिये प्रभावी कदम उठाने तथा सम्बन्धित विभागों से समन्वय स्थापित कर उक्त स्थानों पर लाईटों, रिफ्लेक्टर साईनों आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये। साथ ही ठण्ड के मौसम के दौरान कोहरा तथा धुन्ध बढ़ने से विजीबिलटी में आने वाली कमी से सड़क दुर्घटनाओं के बढ़ने की सम्भावनाओं के दृष्टिगत सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने थाना क्षेत्रों में दुर्घटना सम्भावित स्थलों पर रिफ्लेक्टर टेप लगवाने तथा उक्त स्थानों पर यदि आवश्यकता हो तो ब्लिंकर लाइटों की व्यवस्था करने हेतु निर्देशित किया गया। निरीक्षण के दौरान कप्तान द्वारा नन्दा की चौकी क्षेत्र में बिना हेलमेट, ओवर स्पीडिग कर वाहन चला रहे युवाओं को रोककर उन्हें यातायात नियमों का पालन करने की हिदायत देते हुये उनके विरूद्ध चालानी कार्यवाही करवायी गयी। साथ ही उपस्थित अधिकारियों को सभी शिक्षण संस्थानों के प्रबन्धकों के साथ समन्वय स्थापित कर उन्हें उनके शिक्षण संस्थानों में अध्यनरत छात्रों को यातायात नियमों का पालन करने हेतु जागरूक करने के निर्देश दिये गये।

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