भारत का संविधान मौलिक अधिकारों, मार्गदर्शक सिद्धांतों और नागरिक जिम्मेदारियों का परिभाषित: शबनम जहाॅ
नीटू कुमार हरिद्वार संवाददाता
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(नीटू कुमार) हरिद्वार। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की हरिद्वार विभाग संयोजिका व राष्ट्रवादी पसमांदा मुस्लिम राष्ट्रीय मंच महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष शबनम जहाॅ ने संविधान दिवस के अवसर पर भारत वासियों को बधाई दी है। उन्होंने अपने शब्दों में प्रेस को बताया कि भारत जैसे विशाल देश में लोकतंत्र की ताकत उसका संविधान है। जो राष्ट्रीय एकता और अखंडता का मंत्र देता है। उन्होंने बताया कि आजादी के बाद से भारत की यात्रा बदलावों भरी रही है। और हमार देश विभाजन के खौफ, कम पढ़ी लिखी आबादी, गरीबी, भुखमरी और लोकतांत्रिक प्रणाली की कमी से आज एक परिपक्व और जीवंत लोकतंत्र बनकर उभरा है। जो कि खुद पर भरोसा करता है और भू-राजनीतिक नेता है। उन्होंने भारत के संविधान पर प्रकाश डालते हुए बताया कि हमारे देश का संविधान नियमों और कानूनों का एक समूह है जो किसी देश के संचालन और नियंत्रण करने की दिशा विनियमित करता है। संविधान कर्तव्यों के साथ-साथ मौलिक अधिकारों, मार्गदर्शक सिद्धांतों और नागरिक जिम्मेदारियों को भी परिभाषित करता है। भारत सरकार के राजनीतिक सिद्धांत, शक्तियां और अभ्यास संविधान पर आधारित हैं। और 26 नवंबर का दिन भारत में लोकतंत्र के इसी ग्रंथ से जुड़ा हुआ है। शबनम जहाॅ ने अपने शब्दों में यह भी जानकारी दी की पूर्व में संविधान दिवस को कानून दिवस के तौर पर मनाया जाता रहा और बाद में 2015 से इसे संविधान दिवस मनाया जाने लगा। डॉ. भीमराव आंबेडकर की 125वीं जयंती के अवसर पर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। संविधान को बनाने में डॉ भीमराव अंबेडकर की अहम भूमिका थी, क्योंकि वह संविधान सभा की मसौदा समिति के अध्यक्ष थे। उन्होंने कहा था कि संविधान एक वकील का दस्तावेज नहीं है, यह जीवन का वाहन है और इसकी आत्मा सदैव युग की भावना है।