हरिद्वार

वन विभाग की अनदेखी कहीं फिर न ले ले किसी की जान, भू-माफियाओं पर क्यों है मेहरबान: चर्चा

ज्वालापुर में एक मकान की दीवार में घुसती हुई पेड़ की डाल का दृश्य

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) हरिद्वार। हरिद्वार का वन विभाग वैसे तो भू-माफियाओं पर खूब मेहरबान रहता है। चर्चा अब आम हो गयी है कि हर रोज भू-माफिया अवैध कालोनियां काटकर हरे-भरे पेड़ों पर आरियां चला रहे हैं और वन विभाग के अधिकारियों से लेकर कर्मचारी तक भू-माफियाओं के आगे बौने नजर आते हैं, तभी तो भू-माफियाओं के खिलाफ अवैध पेड़ों के कटान के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई अमल में नहीं लायी जाती। चर्चा तो यहां तक है कि वन विभाग लगातार अनदेखी पर अनदेखी करता चला आ रहा है और भू-माफियाओं पर मेहरबान बना हुआ है। एक ऐसा ही मामला ज्वालापुर की बंगाली बस्ती का प्रकाश में आया है, जहां एक परिवार ने घर के आगे पुराने पेड़ की छटायी व उसे गिराने की परमिशन सहित गिराने के लिए विभाग के चक्कर पर चक्कर काट रहा है, लेकिन उसे यह कहकर वापस भेजा दिया जाता है कि इसका लिखित में एक पत्र दो तभी कर्मचारी मौके पर भेजे जाएंगे।

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जब परिवार लिखित शिकायत लेकर जाता है तो उसे यह कहकर वापस भेज दिया जाता है कि जमीन तो भेल प्रशासन के अंडर में है, आप भेल प्रशासन के पास जाईये, जिससे परिवार सहित क्षेत्रवासी काफी क्षुब्ध हैं और सूबे के मुख्यमंत्री धामी को पत्र भेजकर वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग करने का मन बनाया है। बता दें कि अभी हाल ही में भेल मार्ग पर एक पेड़ के गिरने से स्कूटी सवार युवती की मृत्यु हो गया थी, इतना ही नहीं उसके बाद भी कुछ लोग पेड़ गिरने से घायल हो गए थे। बावजदू इसके वन विभाग अपनी आंखों पर पटटी बांधे बैठा है। शिकायत मिलने के बाद भी विभाग के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है। एक गरीब परिवार को डर सता रहा है कि यदि कोई बड़ा तूफान आ गया और जर्जर हो रहा पेड़ कहीं गिर गया तो एक बड़ा जान-माल का नुक्सान होना तय है, जिसके लिए वन विभाग के अधिकारी व कर्मचार‌ी जिम्मेदार होंगे। वन विभाग द्वारा समय रहते कार्यवाही न किए जाने के चलते क्षेत्र के लोगों में भी खासा रोष उत्पन्न है।

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