हरिद्वार

भगवान शिव ही सृष्टि के रचियता हैंः आचार्य दिनेश चन्द

चिराग कुमार हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(चिराग कुमार) हरिद्वार। हरिद्वार रेलवे रोड़ स्थित बाबा काली कमली के मुख्य पुजारी आचार्य दिनेश चन्द डबरियाल के संयोजन में भगवान शिव का रूद्राभिषेक किया गया।इस मौके पर दर्जनों श्रद्धालु भक्तों ने विभिन्न प्रकार के पुष्पों से भगवान शिव और माता पार्वती का श्रंग्रार कर विल्व पत्र अर्पित किए और रूद्राभिषेक किया।
आचार्य दिनेश चन्द ने बताया कि सावन में पूरे माह भगवान शिव का विशेष पूजन किया जाता है। भगवान शिव ही सृष्टि के रचियता हैं। जो शिवभक्त सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं। उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। उन्होंने विधिवत रूप से भगवान शिव का जलाभिषेक कर लोक कल्याण की कामना की। इस पृथ्वी के कण-कण में शिव तत्व विद्यमान है। सावन शिव तत्व प्राप्त करने का सबसे उत्तम अवसर है। पूरे सावन पूर्ण विधि विधान से भगवान शिव की आराधना करें। पंचामृत से रूद्राभिषेक करें। रूद्राभिषेक के दौरान भगवान शिव के साथ माता पार्वती का भी ध्यान करें। ऐसा करने से शिव और शक्ति प्रसन्न होकर भक्त को आशीर्वाद प्रदान कर कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। भगवान शिव और माता पार्वती की सम्मिलित कृपा से परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। कष्टों से छुटकारा मिलता है और शिवतत्व की प्राप्ति होती है। वहीं, श्रावण मास के तीसरे सोमवार को शिवालयों में जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। कनखल स्थित दक्ष मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी लाइन लगी रही। दूसरे शिवालयों में भी जल चढ़ाने के लिए लंबी लाइन लगी रहीं। सावन के तीसरे सोमवार को भक्तों ने विशेष पूजा-आराधना की। श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, भांग, कपूर, दूध, चावल, चंदन और भस्म आदि अर्पित की। कनखल स्थित दक्ष मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालु शिवलिंग पर दुग्धाभिषेक और जलाभिषेक करने के लिए लंबी कतार में लगे दिखे। कनखल के दरिद्र भंजन, दुख भंजन, तिल भांडेश्वर, पारे के शिवलिंग और बिल्वकेश्वर महादेव, नीलेश्वर महादेव एवं अन्य शिवालयों में भी श्रद्धालुओं की भीड़ रही।

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