ईमानदारी और मर्यादा के साथ से पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों के सामने रहती है बड़ी चुनौतियां
राजेश कुमार देहरादून प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) देहरादून। उत्तराखंड में लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ माने जाने वाले पत्रकारिता करने वाले पत्रकारों के सामने बड़ी चुनौती रहती हैं। जहां सच की आवाज उठाते हुए शासन प्रशासन तक समस्याओं से अवगत कराना कभी कभी बड़ी मुसीबत बन जाती है। जबकि आज उत्तराखण्ड में पत्रकारों की सच्चाई के साथ पत्रकारिता के कारण कई अधिकारी कर्मचारी बड़े बड़े मंचो पर सम्मान प्राप्त कर चुके हैं। वहीं कई जगह पत्रकारों द्वारा उत्कृष्ट सेवा प्रदान करने वाले अफसरों कर्मचारियों के सम्मान में कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। उसके बावजूद यदि कोई ईमानदारी से पत्रकारिता करने वाले पत्रकार अपनी कलम से किसी भी मामले की सच्चाई उजागर करते हैं तो किसी न किसी की नज़र में चुभने लगते हैं। जबकि ईमानदार अधिकारी कर्मचारी सच्चाई उजागर करने वाले पत्रकारों की कार्य शैली से प्रभावित होते हुए सराहना भी की जाती है। वहीं सवाल यह है कि धरातल पर किसी भी तरह की समस्याओं को शासन प्रशासन तक पहुंचाने में पत्रकारिता ही एक मात्र साधन है। कई बार पत्रकार धूप आंधी तूफान सर्दी गर्मी की परवाह किए बिना अपनी जान को जोखिम में डालते हुए पत्रकारिता करते हुए देखे जाते हैं।
लेकिन कुछ लापरवाह अधिकारी एवं कर्मचारी अपने उच्च अधिकारीयों को गुमराह कर सिर्फ झूठी शाबाशी लेने के लिए पत्रकारों से दूरी बनाए रखना ही पसंद करते हैं। जबकि मर्यादा और ईमानदारी से पत्रकारिता करने वाले पत्रकार किसी भी सच्चाई उजागर करने से कोई समझौता नहीं करते। कई बड़े मामलों में सफलताएं हासिल करने में पत्रकारिता की बड़ी भूमिका रहती है।











