हरिद्वार

श्रवण नाथ नगर में आवारा कुत्तों के आतंक से क्षेत्रवासी परेशान

रवि चौहान हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रवि चौहान) हरिद्वार। धर्मनगरी हरिद्वार में आवारा कुत्तों के आतंक से आमजन परेशान हैं। जिसके चलते लोगों का घरों से निकलना दूभर हो गया है। रास्ते में बैठे आवारा कुत्ते कभी भी राह चलते लोगों पर हमला बोल देते हैं। कुत्तों के आतंक के कारण लोग भय के साए में जीने को मजबूर हैं। मामला रेलवे रोड़ हरिद्वार स्थित श्रवण नाथ नगर क्षेत्र का है। श्रवण नाथ नगर एक पॉश इलाके के साथ ही कुछ इलाका कॉमर्शियल भी है, लेकिन यहां निवास करने वाले आवारा कुत्तों के आतंक से परेशान हैं। बावजूद इसके नगर निगम आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने की दिशा में कोई ठोस कदम उठाने के लिए तैयार नहीं है। पूर्व में ज्वालापुर में कुत्तों ने एक लड़की पर हमला कर दिया था, जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। बावजूद इसके आवारा कुत्तों पर लगाम लगाने की दिशा में न तो नगर निगम और न ही प्रशासन कोई ठोस कदम उठाने को तैयार है। आवारा कुत्तों के आतंक पर लगाम लगाने के लिए एक समाजसेवी ने जब कार्यवाही के लिए कदम बढ़ाया तो पशु प्रेमी कार्यवाही के विरोध में आ धमके ऐसे में लोगों के लिए स्थिति विकट हो गयी है। आलम यह है कि श्रवण नाथ नगर में बच्चे खेल नहीं सकते। बुजुर्ग बाहर नहीं निकल सकते। महिलाएं शाम को वॉक नहीं कर सकती, क्योंकि कुत्तों का हमला इतना बढ़ गया है कि आए दिन कुत्ते के काटने की घटनाएं सामने आ रही हैं। अपनी समस्याओं को लेकर स्थानीय निवासी कई बार नगर निगम को लिखित शिकायत भी की, लेकिन हर बार डॉग डिपार्टमेन्ट यह कहकर पल्ला झाड़ लेता है कि हमने सभी कुत्तों की नसबंदी कर दी है और सिवाये अब आश्वासन के अलावा लोगों को और कुछ नहीं मिल रहा है, ऐसे में लोग करें भी तो क्या करें। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली एनसीआर के इलाको को आवारा कुत्तों से मुक्त करने के लिए सख्त दिशानिर्देश जारी किए हैं, कोर्ट ने सख्त चेतावनी दी है अगर कोई व्यक्ति या संगठन आवारा कुत्तों को हटाने के उसके आदेश के अमल में रुकावट डालता है तो इसकी जानकारी कोर्ट को दी जाए और जैसे ही यह आदेश जारी हुए देशभर के डॉग लवर खासा नाराज हो गए थे, लेकिन उनकी नाराजगी से अभी तक सुप्रीम कोर्ट को कोई फर्क नहीं पड़ा है, ऐसे में अन्य लोग डॉग लवर के खिलाफ भी मुखर हो रहे हैं। लोगों का कहना है कि डॉग लवर के खिलाफ भी संबंधित धाराओं में मुकद्दमा दर्ज होना चाहिए, साथ ही एक्ट के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।

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