हरिद्वार

धर्मनगरी में गणेश चतुर्थी की धूम, 27 अगस्त को विराजमान होंगे गणेश जी

गणेश जी की स्थापना का सबसे शुभ समय, आचार्य विकास जोशी से खास बातचीत

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रवि चौहान) हरिद्वार। आचार्य विकास जोशी ने हरिद्वार की गूंज से खास बातचीत में बताया कि गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त को शुरू होगा, भगवान गणेश के जन्म के उत्सव का यह पर्व 10 दिनों तक चलता है जिसकी शुरुआत भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना से होती है। इस दिन भक्त शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करते हैं और उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। उन्होंने बताया कि भाद्रपद माह की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त को दोपहर 01 बजकर 54 मिनट से होगी। वहीं, इसका समापन 27 अगस्त को दोपहर 03 बजकर 44 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए गणेश चतुर्थी का पर्व 27 अगस्त को शुरू होगा और इसी दिन गणेश स्थापना की जाएगी। उन्होंने बताया गणेश जी की स्थापना का सबसे शुभ समय मध्याह्न होता है, क्योंकि माना जाता है कि इसी समय भगवान गणेश का जन्म हुआ था। 27 अगस्त 2025 को मध्याह्न काल में गणेश पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:05 बजे से दोपहर 01:40 बजे तक रहेगा।

गणेश स्थापना पूजा विधि
• गणेश जी को घर लाने से पहले पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करें और उसे फूलों, रंगोली और अन्य सजावटी सामानों से सजाएं।
• शुभ मुहूर्त में भगवान गणेश की प्रतिमा एक वेदी पर स्थापित करें।
• वेदी पर लाल या पीला वस्त्र बिछाएं।
• पूजा शुरू करने से पहले हाथ में जल, फूल और चावल लेकर व्रत या पूजा का संकल्प लें।
• सबसे पहले ‘ॐ गं गणपतये नमः’ मंत्र का जाप करते हुए भगवान गणेश का आह्वान करें।
• भगवान गणेश की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं।
• स्नान के बाद उन्हें नए वस्त्र और आभूषण पहनाएं।
• भगवान गणेश को उनका सबसे प्रिय भोग मोदक और लड्डू अर्पित करें।
• इसके साथ ही उन्हें दूर्वा घास, लाल फूल और सिंदूर भी चढ़ाएं।
• अंत में पूरे परिवार के साथ भगवान गणेश की आरती करें।

दैनिक पूजा नियम दिन मे तीन बार बाल भोग राज भोग और रात्रि भोग अवश्य लगाए दो टाइम आरती और रोज नवीन पुष्प माला और और श्रृंगार की व्यवस्था। प्याज लहसून का परहेज करे और जिस प्रकार से अतिथि सेवा होती है इसी प्रकार से विशेष रूप से गणेश जी की भी सेवा पूजा करनी चाहिए गणेश जी सहित रिद्धि और सिद्धि की भी स्थापना कर उनका भी पूजान विधि से करना चाहिए और अनंत चतुर्दशी 6 सितंबर 2025 को होगी। तो आंनद से गणेश जी को उस दिन गंगा स्नान के लिए परिवार सहित लेकर जाये और पुन्हा स्थापना कर नियमित रूप से उनकी पूजा अर्चना करे। 10 दिवस तक चलने वाले इस गणेश पूजा को उत्सव से रूप मे मनाये और गणेश जी के सुन्दर भजनो से उन्हे मनाये गणेश जी सभी को सब कुछ प्रदान करने वाले है।

गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा का दर्शन करना अशुभ माना जाता है। इस दिन चंद्रमा के दर्शन करने से किसी न किसी प्रकार के कलंक का सामना करना पड़ता है। इसलिए एक दिन पूर्व यानी 26 अगस्त से लेकर 27 अगस्त तक चंद्रमा देखने की मनाही है। इस साल गणेश चतुर्थी का आरंभ बुधवार के दिन से हो रहा है, जो गणेश जी का ही दिन माना जाता है। इसके अलावा इस दिन शुक्ल योग, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग जैसे योगों करा निर्माण हो रहा है। अगस्त माह के तीसरे सप्ताह कई राजयोगों का निर्माण होने वाला है। इस सप्ताह शुक्र कर्क राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे बुध के साथ युति करके लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण करेंगे। इसके साथ ही सूर्य सिंह राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे केतु के साथ युति करेंगे। इसके अलावा इस सप्ताह समसप्तक, षडाष्टक, गजलक्ष्मी, नवपंचम, महालक्ष्मी जैसे राजयोगों का निर्माण हो रहा है। गणेश जी इस वर्ष अपार सिद्धि के दाता के रूप मे भक्तो के ऊपर कृपा करेंगे।

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