भागवत कथा के दूसरे दिन आचार्य रमेश सेमवाल महाराज ने किया भगवान श्री कृष्ण की भक्ति का वर्णन
इमरान देशभक्त रुड़की प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(इमरान देशभक्त) रुड़की। ज्योतिष गुरुकुलम में श्रीभागवत कथा के द्वितीय दिवस पर कथा व्यास आचार्य रमेश महाराज जी ने कहा कि प्रहलाद की पुकार पर भगवान नरसिंह का अवतार हुआ। प्रहलाद जी ने भगवान की आराधना व उपासना की, तो भगवान प्रकट हुए।नरसिंह के रूप में राक्षस राज हिर्नाकश्यप का अंत किया। वह अहंकारी था।भगवान श्रीकृष्ण ही सृष्टि के मुख्य आधार हैं। भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति का वर्णन श्रीमद् भागवत कथा में पूर्ण रूप से किया गया है। कथा व्यास जी ने भक्तों को आशीर्वाद देते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं का वर्णन सुनने से परम आनंद की अनुभूति होती है। भगवान की लीला का गुणगान करने से व्यक्ति का जीवन सफल होता है और भगवान श्रीकृष्ण जी की भक्ति करने से दिव्य धाम की प्राप्ति होती है। इस महान कली काल में कलयुग का प्रभाव सभी मनुष्यों पर पड़ रहा है। काम, क्रोध, लोभ, मोह व अहंकार में व्यक्ति भगवान को भूल गया है। अशुद्ध, अपवित्र काम करता है, जिससे उसे परमात्मा की प्राप्ति नहीं होती। परमात्मा की प्राप्ति करने के लिए काम, क्रोध, लोभ, मोह और मद को छोड़कर भगवान का भजन करना होगा। भगवान सूर्य के रूप में हमारे सम्मुख प्रातः काल प्रकट होते हैं। प्रकृति में आजकल भयंकर तांडव चल रहा है भयंकर वर्षा हो रही है पहाड़ों में बादल फट रहे हैं, इसलिए निरंतर मां शक्ति की आराधना और भगवान श्री नारायण की आराधना करनी चाहिए। मां शक्ति दुर्गा की आराधना करने से भी सारे संकट दूर होते हैं। भगवान नारायण की पूजा करने से भी संकट दूर होते हैं, इसलिए हमें निरंतर मां दुर्गा शक्ति की आराधना और भगवान नारायण की आराधना करनी चाहिए। कलयुग में निरंतर संकट बढ़ते रहेंगे, क्योंकि पाप ज्यादा बढ़ रहा है, गौ हत्या हो रही है, इसलिए प्रकृति दंड दे रही है।हमें निरंतर साधना, उपासना, आराधना करनी चाहिए। कथा में सुलक्षणा सेमवाल, इंद्रमणि सेमवाल, प्रकाश शास्त्री, देवेंद्र शास्त्री, रामकुमार शर्मा, रितु वर्मा, राधा भटनागर, चित्रा गोयल आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।