हरिद्वार

राजकमल कॉलेज में भविष्य की तकनीक, कृत्रिम बुद्धिमत्ता के नवीन आयामों पर कार्यशाला आयोजित

नीटू कुमार हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(नीटू कुमार) बहादराबाद। राजकमल मैनेजमेंट एंड साइंस कॉलेज बहादराबाद में जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज, ग्रेटर नोएडा के सहयोग से भविष्य की तकनीक: कृत्रिम बुद्धिमत्ता के नवीन आयामों’ विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्देश्य विद्यार्थियों को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के बदलते स्वरूप, उसके उपयोग और संभावनाओं से अवगत कराना हैं तथा तकनीक के क्षेत्र में उनके भविष्य को सशक्त बनाना हैं। मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर डॉ. मोनिका मखीजा (डीन) जीएनआईओटी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज़, ग्रेटर नोएडा ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) के विविध आयामों पर बताया कि एआई आज केवल सूचना तकनीक तक सीमित नहीं रहा, बल्कि शिक्षा, चिकित्सा, उद्योग, व्यवसाय, कृषि तथा प्रशासनिक तंत्र में भी इसका उपयोग तीव्र गति से बढ़ रहा है। डॉ. मखीजा ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता न केवल मानव श्रम को सरल बना रही है, बल्कि निर्णय लेने की प्रक्रिया को भी अधिक सटीक और प्रभावी बना रही है। उन्होंने विद्यार्थियों को एआई की कार्यप्रणाली, मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स और चैटबॉट्स जैसी आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी तथा बताया कि आने वाले वर्षों में एआई रोजगार, शोध और नवाचार के क्षेत्र में नए अवसरों के द्वार खोलेगा। कार्यशाला के दौरान छात्रों ने अत्यंत उत्साह के साथ सहभागिता की और एआई से जुड़े अनेक जिज्ञासापूर्ण प्रश्न पूछे, जिनका समाधान डॉ. मखीजा ने सरल और प्रेरक उदाहरणों के माध्यम से किया। राजकमल कॉलेज और जीएनआईओटी, ग्रेटर नोएडा के बीच एक अंतर-शैक्षिक सहयोग स्थापित किया गया है, जिससे दोनों संस्थानों के छात्र एक-दूसरे के परिसरों में अध्ययन और शोध परियोजनाओं में भाग ले सकेंगे। इस सहयोग का उद्देश्य विद्यार्थियों को बहुआयामी शैक्षिक अनुभव प्रदान करना और उनके तकनीकी तथा पेशेवर कौशल को सशक्त बनाना है। फ़िज़ा राव, विभागाध्यक्ष कंप्यूटर विज्ञान, ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएँ विद्यार्थियों को नई तकनीकों को समझने और सीखने का उत्कृष्ट अवसर प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी ऐसी उपयोगी कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा ताकि विद्यार्थी तकनीकी क्षेत्र में और अधिक सशक्त बन सकें। राजकमल कालेज के प्राचार्य डॉ. राघवेंद्र चौहान ने कहा कि इस प्रकार की कार्यशालाएं विद्यार्थियों की जिज्ञासा, नवाचार की सोच और तकनीकी समझ को नई दिशा प्रदान करती है। आने वाला समय एआई का है। ऐसे में हमें शिक्षा के क्षेत्र में भी इसकी उपयोगिता के बारे में पता होना चाहिए। कार्यशाला में श्रीमती राजेश देवी सचिव राजकमल कॉलेज, तथा महाविद्यालय के प्रबंध समिति सदस्य दुष्यंत प्रताप, नितिन प्रताप व प्रवक्तागण डॉ. दीक्षा चौहान, डॉ. दीपा, डॉ. नीरज शर्मा, डॉ. अनिरुद्ध कुमार, प्रवीण कुमार, अजय कुमार, इशिका पंडित, विनीत कुमार,आस्था यादव, सिया पाल, प्रिया सैनी, नैनसी चौहान, शिखा राठी, अरबाब राव, रवि कुमार, राजदेव रावत,स्टाफ सदस्यों एवं विद्यार्थियों सहित कई लोग उपस्थित रहे।

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