हर लावारिस व बेसहारा मृतक से है पुनर्जन्म का रिश्ता
नहीं जाने दूंगी किसी भी मृतक को लावारिस के रूप में: क्रांतिकारी शालू सैनी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(इमरान देशभक्त) रुड़की। खतौली क्षेत्र से मिली जानकारी पर नई मंडी शमशान घाट पर हर रोज की तरह आज फिर मृतक की बहन बनकर क्रांतिकारी शालू सैनी ने विधि-विधान से अंतिम संस्कार किया। उन्होंने भावुक शब्दों में कहा कि यह सेवा वे पिछले पांच-छ: वर्षों से निशुल्क करती चली आ रही है और अब तक साढ़े पांच हजार से अधिक लावारिस शवों का पूरे विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार कर चुकी है। वह इस पूर्ण कार्य में समाज के लोगों का भी सहयोग चाहती हैं। आज की सेवा एक अंतिम संस्कार इच्छानुसार लकड़ी से, घी से सामग्री से, कफन से, एम्बुलेंस से, गाड़ी से जैसे भी सामर्थ्य अनुसार सहयोग करें।सभी धर्मों के धर्मानुसार अंतिम संस्कार की सेवा बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, जिसको वे अकेले नहीं कर सकती।बाबा भोलेनाथ की कृपा के साथ-साथ मुझे आप सबकी मदद की जरूरत है। अपनी कमाई में से छोटी सी सहयोग राशि जरूर दान करे, ताकि हर मृतक को कफन नसीब हो सके और विधि-विधान से अंतिम बिदाई दी जा सके।











