हरिद्वार

उत्तराखंड में निकलेगी स्वतंत्रता सेनानी शहीद सम्मान यात्रा: रघुवंशी

नीटू कुमार हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(नीटू कुमार) हरिद्वार। स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति की ओर से ‘हर महीने प्रथम रविवार दस बजे दस मिनट स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों शहीदों के नाम’ अभियान के अन्तर्गत देश के विभिन्न प्रान्तों में के साथ-साथ हरिद्वार में भी आज 36वें रविवार को राष्ट्रध्वज वंदन, राष्ट्रगान, राष्ट्रगीत का गायन, स्मारकों, शहीद स्थलों, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, शहीदों की प्रतिमाओं पर पुष्पांजलि समर्पित करने के साथ ही आजादी के दीवानों की जीवन गाथाएँ सुनाई कर मनाया गया। अमर शहीद जगदीश वत्स पार्क ज्वालापुर में आयोजित कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत भूषण विद्यालंकार ने ध्वजारोहण किया। शहीद जगदीश वत्स की प्रतिमा पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के साथ ही, जितेन्द्र रघुवंशी, जगदीश लाल पाहवा तथा वीरेन्द्र गहलौत द्वारा माल्यार्पण किया गया एवं सभी स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों, गणमान्य नागरिकों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित की गई। स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों शहीदों के सम्मान, उनके सपनों का भारत बनाने तथा उत्तराधिकारियों के अस्तित्व की रक्षा के लिए, संघर्षरत स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने कहा, कि “देश के 23 प्रान्तों में स्वतंत्रता सेनानी शहीद सम्मान यात्राएं निकाली जा रही हैं। इनकी शुरुआत गत 13 अक्टूबर को मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश) से हुई थी।‌ यह बंगरा (झांसी) होते हुए 10 दिसम्बर को प्रातः काल 9 बजे शहीद स्थल कादूनाला मुसाफिर खाना (अमेठी) पहुंचेगी।” बताया कि “कादूनाला एक ऐसा शहीद स्थल है, जहाँ अंग्रेजी शासन के खिलाफ 7 से 9 मार्च तक 1858 में चले भयंकर युद्ध में भाले सुल्तानियों के 600 से अधिक क्रान्तिकारियों को मारकर उनके सिर एक कुंए में डाले गए थे। कादूनाला से लगभग 100 वाहनों के काफिले के साथ यह सम्मान यात्रा गौरीगंज पहुंचेगी, जहाँ स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों की विशाल जनसभा होगी। कार्यक्रम में इस अभियान के पुरुषार्थियों को सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि बिलासपुर (छत्तीसगढ़) के बाद यह सबसे बड़ी सम्मान यात्रा होगी। यह चार दिवसीय सम्मान यात्रा रुड़की से आरम्भ होकर हरिद्वार, काशीपुर, रुद्रपुर, ऊधमसिंह नगर, नैनीताल, चम्पावत, पिथौरागढ, बागेश्वर, अल्मोड़ा, चमोली, टिहरी गढ़वाल, उत्तरकाशी होते हुए देहरादून पहुँचेगी। रघुवंशी ने जिलाधिकारी तथा मेलाधिकारी के आह्वान पर समिति के सदस्यों को स्वच्छ हरिद्वार अभियान में सहयोगी बनने की प्रेरणा दी। आज ही महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वैद्य श्यामलाल जी की 117 वीं जयंती के अवसर पर उनके चित्र पर माल्यार्पण करने के बाद उनके पुत्र वीरेन्द्र गहलौत ने स्वतंत्रता आन्दोलन के समय दी गई यातनाओं का उल्लेख करते हुए बताया कि 1930 में ज्वालापुर में इन्होंने अपने मित्रों के साथ मिलकर अंग्रेजों की एक सभा को विफल करते हुए चौक में तिरंगा झंडा फहराया था। इन्हें 1932 में छह माह की कठोर सजा सुनाई गई और सहारनपुर जेल में रखा गया। भारत छोड़ो आन्दोलन में भी उन्होंने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और कठोर जेल की यातनाएं सहीं। भारत भूषण विद्यालंकार ने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वामी श्रद्धानन्द के कर्तृत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि, एक जीवट क्रान्तिकारी ने गुरुकुल कांगड़ी के निविड़ वन में गुरुकुल की स्थापना करके अनेकों क्रान्तिकारी गढ़े। समाजसेवी जगदीश लाल पाहवा ने समिति द्वारा स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों को संगठित करने का जो अनवरत प्रयास किया जा रहा है, वह निश्चित रूप से स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सम्मान की रक्षा में उपयोगी सिद्ध होगा। इस देशभक्ति से परिपूर्ण कार्यक्रम में वरिष्ठ उपाध्यक्ष अर्जुन सिंह राणा, संगठन सचिव ललित कुमार चौहान, साहित्यकार अरुण कुमार पाठक, नगर प्रभारी हरिद्वार विवेक कुमार शर्मा, संयुक्त सचिव अनुराग सिंह गौतम, राजेन्द्र कुमार गहलोत, कोषाध्यक्ष आदित्य गहलोत, शिवेंद्र गहलोत, ऋषभ गहलोत, परमेश चौधरी, जोगिंद्र सिंह तनेजा, रमेश चंद्र गुप्ता, वेद प्रकाश आर्य, अरविन्द कौशिक, नरेन्द्र कुमार वर्मा, नगर प्रभारी ज्वालापुर आदित्य प्रकाश उपाध्याय, सुरेन्द्र लाल छाबड़ा, अशोक कुमार दिवाकर, अशोक चौहान, आनंद सिंह चौहान, मनीषा चौहान, शीला चौहान, पद्मा देवी, आशा रघुवंशी तथा मेधावी सहित स्थानीय गणमान्य नागरिकों की भी उपस्थिति रही।

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