हरिद्वार

हरिद्वार के मिस्सरपुर गांव की सबसे बुजुर्ग महिला 105 साल की कबूली देवी उपाध्याय का निधन, गांव में शोक की लहर

किसी की ताई, दादी, नानी, चाची, बुआ, मौसी लगती थी कबूली देवी

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(गगन शर्मा) हरिद्वार। हरिद्वार के मिस्सरपुर गांव की सबसे बुजुर्ग महिला 105 साल की कबूली देवी उपाध्याय का निधन आज दोपहर में हो गया, उनके बेटे मदन उपाध्याय ने यह जानकारी देते हुए बताया कि गांव की सबसे बुजुर्ग महिला थी और वह कल तक बिल्कुल स्वस्थ थी और आज उनकी तबीयत थोड़ी बिगड़ी और दोपहर में उन्होंने अपने प्राण घर पर ही त्याग दिए। उनके निधन से गांव में शोक की लहर फेल गई है। हर कोई उनके बड़े प्यार से किस सुन रहा है। उनके घर में बेटे बेटी पुत्रवधू दामाद नाती पोते भरा पूरा परिवार था। उनका अंतिम संस्कार उनके बेटे ने मिस्सरपुर के श्मशान घाट में वैदिक विधि विधान से किया। उन्होंने बताया कि उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव और जिला पंचायत चुनाव में मतदान भी किया था, वे पूरी तरह से सजग रहती थी और उनकी याददाश्त भी बिल्कुल ठीक थी और वह खाना पीना सामान्य रूप से खाती थी, जो हम लोग घर में खाना खाते थे, वह वही खाना खाती थी और हमें कहती थी कि किसी को सताना नहीं चाहिए। सबका सम्मान करना चाहिए और वह पैसों का भी हिसाब किताब सही रखती थी। उन्होंने बताया कि वे चार भाई और तीन बहने हैं। 105 साल की बुजुर्ग महिला कबूली देवी उपाध्याय के पौत्र मनीष उपाध्याय बताया कि हमारी दादी बहुत स्वस्थ रहती थी और हमें बहुत प्यार करती थी और हमें अच्छे-अच्छे शिक्षा देती थी उनकी याद कभी नहीं बुलाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि हमारे दादाजी 30 साल पहले इस संसार से विदा लेकर चले गए थे और और 30 सालों में हमारी दादी पूरे परिवार का ध्यान रखती थी। गांव की रहने वाली मार्शल आर्ट खेल वुशु की राष्ट्रीय खिलाड़ी और आत्म सुरक्षा की राष्ट्रीय कोच आरती सैनी ने बताया कि गांव के कुछ लोग उन्हें दादी, कुछ लोग नानी, कुछ लोग बुआ और कुछ लोग मौसी ताई या चाची कहकर बुलाया करते थे, वह सबको बहुत प्यार करती थी।

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