आखिर कैसे सुरक्षित रहेंगी उत्तराखंड की बेटियां जहां मामूली जुर्म में सजा और बड़े आरोपियों पर मेहरबानी
राजेश कुमार देहरादून प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड एक के बाद एक बढ़ते अपराधों से शर्मशार हो रही है जहां कभी उत्तराखंड में शान्त वातावरण के साथ ही हर कोई खुद को सुरक्षित महसूस करता था तो वहीं आज देवभूमि में आम आदमी खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है। वहीं उत्तराखंड में भाजपा सरकार में जहां बड़े बड़े मंचो से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारों के साथ भोली भाली जनता के बीच महिलाओं की सुरक्षा के दावे किए जाते हैं तो वहीं उत्तराखंड सरकार में आज महिलाएं बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। जी हां आपको बता दें कि ऋषिकेश के नामी रिजॉर्ट में उत्तराखंड की बेटी अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गई थी। जिसमें भाजपा के ही कुछ सफेदपोश के नाम उजागर किए गए थे। वहीं अंकिता भंडारी के हत्यारों को कड़ी सजा दिलाए जाने को लेकर प्रदेश भर में आक्रोश दिखाई दिया था। वहीं इस पूरे प्रकरण में कुछ वीआईपी के नाम होने की भी खूब चर्चाएं रही। लेकिन कहीं न कहीं उत्तराखंड सरकार वीआईपी के नाम को छुपाने में लगी रही। आखिर अब हरिद्वार भाजपा पार्टी पूर्व विधायक सुरेश राठौर की कथित पत्नी उर्मिला राठौर द्वारा अंकिता हत्याकांड में शामिल वीआईपी का नाम सोशल मीडिया पर से उजागर कर ही दिया गया। जिसके बाद से ही एक बार फिर उत्तराखंड में कड़ी कार्यवाही की मांग को लेकर जनता में आक्रोश देखा जा रहा है। वहीं सवाल यह है कि जहां भाजपा सरकार में बड़े पदों पर बैठे नेताओं मंत्रियों द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारों के साथ महिलाओं की सुरक्षा के दावे कर झूठी वाहवाही लूटने में लगे हैं तो वहीं अंकिता हत्याकांड में भाजपा सरकार के नेताओं के नाम उजागर होने से उत्तराखंड सरकार पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। जहां आम आदमी न्याय की उम्मीद लिए सरकार से गुहार लगाता है तो वहीं अब उत्तराखंड सरकार से ही प्रदेश की जनता खुद को असुरक्षित महसूस कर रही है। फिलहाल उत्तराखंड की जनता अंकिता हत्याकांड में शामिल आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की मांग कर रही है। अब देखना यह होगा कि क्या अंकिता भंडारी के हत्यारों को कब सजा मिलेगी।











