हरिद्वार

तालाब से निकले समुद्र सोख को दूर कही नष्ट करने की व्यवस्था हो

गगन शर्मा उत्तराखंड प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(गगन शर्मा) हरिद्वार। जैसे भारतीय क्रिकेट टीम अंतिम ओवर में अच्छे रन बनाती है उसी प्रकार उत्तराखंड मे भाजपा सरकार ने धामी को मुख्यमंत्री बनाकर उत्तराखंड मे ऐसे बहुत से निर्णय लिए जिससे उत्तराखंड उत्तर प्रदेश के 21 साल पुराने विवाद खत्म हुवे तो वही दूसरी ओर हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र के विधायक स्वामी यतीश्वरानंद के कैबनेट मंत्री बनने के बाद क्षेत्र मे चारो ओर विकास कार्य हो रहे हैं। फिर चाहे वह सड़क निर्माण कार्य हो या किसानों सम्बंधित अटके कार्य। ब्लॉक बहदराबाद के कटारपुर गांव में पंचायत भवन के पास वर्तमान में तालाब की सफाई कार्य चल रहा है। जिसके बारे में प्रधान नूतन कुमार ने बताया कि लगातार 4 वर्षों से पंचायत भवन के पास के तालाब में सौंदर्य करण एवं सफाई की व्यवस्था कराई जा रही है। तालाब के सौंदर्यीकरण का कार्य अंबुजा फाउंडेशन एचडीएफसी बैंक से मैट्रियल लेकर एवं लेबर मनरेगा से लेकर कराया गया। 4 वर्ष पूर्व तालाब की बहुत ही दुर्दशा थी अब तालाब में पानी भी है इस तालाब के सौंदर्य करण के लिए बहुत ही प्रयास किए गए तब जाकर इस तालाब का कायापलट हुआ है। अभी कुछ दिन पूर्व क्षेत्रीय विधायक एवं राज्यमंत्री स्वामी यतीश्वरानंद के निर्देश पर फिर से जो तालाब में समुद्र सोख उत्पन्न हो गया था उसे निकालने का कार्य प्रारंभ कराया गया। गांव से अमरीष सैनी का कहना है कि जब तक तालाब से निकला हुआ कूड़ा दूर कहीं स्थान पर नष्ट नहीं जाएगा, तब तक तालाब सुरक्षित नहीं रहेगा। अन्य ग्राम वासियों की भी मांग है कि तालाब से जो कूड़ा मजदूर बाहर निकाल रहे है उसे साथ के साथ यहां से कहीं और स्थान पर डलवाया जाए ताकि फिर से तालाब में कूड़ा इकट्ठा ना हो और गंदगी भी ना फैले। गंदगी होने की वजह से स्कूल में जाने वाले बच्चों को कठिनाई का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि पंचायत भवन के पास में बच्चों का स्कूल भी है और यह गांव का मुख्य मार्ग भी है। इस विषय मे ग्राम विकास अधिकारी अमित यादव ने बताया कि सरकार द्वारा इसके लिय अभी बजट जारी नही किया उसके बावजूद उनके व्यक्तिगत प्रयासों से तालाब की सफाई और उसके कूड़े के निस्तारण हेतु आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। जिला प्रशासन और राज्य सरकार को चाहिए कि जनहित में कराए जा रहे विकास कार्यों से सम्बंधित अधिकारियों को बजट की कमी न महसूस होने दे।

Related Articles

Back to top button