पिरान कलियर

रविवार की सुबह पाकिस्तान से 81 यात्रियों का जत्था पहुंचेगा पिरान कलियर, प्रशासन द्वारा सभी तैयारियां पूर्ण

जावेद अंसारी पिरान कलियर प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(जावेद अंसारी) पिरान कलियर। पिरान कलियर में चल रहे सूफी बुजुर्ग हजरत साबिर पाक के 756-वें उर्स में भाग लेने के लिए पाकिस्तान के कुल 81 जायरीन का जत्था कल सुबह रुड़की होते हुए प्रशासन व पुलिस की भारी सुरक्षा में पिरान कलियर पहुँचेगा। मेला अधिकारी व ज्वाईंट मजिस्ट्रेट आशीष मिश्रा एवं सीओ नरेंद पन्त ने बताया कि परम्परागत रूप से जायरीन के लिए सभी सुरक्षा व यातायात की व्यवस्था पुलिस व प्रशासन की ओर से कर लिए गए है। वक्फ बोर्ड के सीईओ सयैद सिराज उस्मान ने बताया कि दरगाह प्रबन्धक रजिया के देखरेख में पाकिस्तानी जायरीन के लंगर, निवास व अन्य इंतजाम कर लिए गए हैं। उर्स कार्यक्रम आयोजन समिति के संयोजक व शायर अफजल मंगलौरी के अनुसार भारत सरकार के इस्लामाबाद स्थित दूतावास से इस बार केवल 81 पाकिस्तानी श्रद्धालुओं को पिरान कलियर उर्स के लिए वीसा दिया गया है, जिनमें पाकिस्तान धर्मस्य विभाग के एक अधिकारी हाफिजुल्लाह भी शामिल है जो जायरीन के लाइजन ऑफिसर के रूप में पिरान कलियर साथ आ रहे हैं। इस बार पाकिस्तानी जत्थे के ग्रुप लीडर सयैद फहद इफ्तेखार को बनाया गया है, जबकि डिप्टी लीडर मोहम्मद खालिद होंगे। दिल्ली पाक दूतावास से दो अधिकारी भारतीय बोर्डर से इस जत्थे के साथ लाइजन ऑफिसर के रूप में पिरान कलियर उर्स से वापसी तक उनके साथ रहेंगे। उत्तराखंड नागरिक सम्मान समिति की ओर से रुड़की रेलवे स्टेशन पर रविवार सुबह 5:30 बजे 14632 ट्रेन पर अध्यक्ष ईश्वर लाल शास्त्री, दरगाह के सज्जादा नशीन शाह अली एजाज साबरी के प्रतिनिधि, रेलवे की सदस्य पूजा नन्दा, रियाज कुरैशी, इमरान देशभक्त, विकास वशिष्ठ, सलमानी फरीदी, सुभाष नम्बरदार, सैयद नफीसुल हसन, अहमद कादरी आदि अगवानी के लिए मौजूद रहेंगे। उर्स कार्यक्रम समिति के संयोजक अफजल मंगलौरी ने बताया कि उर्स के कार्यक्रम में वक्फ बोर्ड और दरगाह प्रशासन द्वारा 15 सितम्बर की शाम में जर्मन हेंगर में सर्वधर्म सद्भावना सम्मेलन व रात में महफिले किरात, 16 की रात में जश्ने ईद मिलादुन्नबी (बड़ी रौशनी), 17 सितम्बर को जश्ने साबिर पाक में देश के प्रसिद्ध इस्लामिक स्कालर सैयद अमीनुल कादरी का खिताब होगा, जिसका संचालन मौलाना जाहिद रजा द्वारा किया जाएगा, इसके अलावा मुशायरे का आयोजन भी परम्परागत रूप में होगा।

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