गंगा तट से गाँव तक स्वच्छता, स्वास्थ्य और समृद्धि से गढ़ती हरिद्वार की नई पहचान
चिराग कुमार हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(चिराग कुमार) हरिद्वार। पावन नगरी हरिद्वार में आयोजित स्वच्छोत्सव पखवाड़ा केवल स्वच्छता का पर्व नहीं, बल्कि एक आध्यात्मिक, सामाजिक और स्वास्थ्य जनांदोलन बनकर सामने आया। “स्वच्छता ही सेवा” पखवाड़े के अंतर्गत, आईटीसी मिशन सुनहरा कल और श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम ने मिलकर मंदिर स्वच्छता, गंगा घाट सफाई, स्वास्थ्य शिविर, जन-जागरूकता रैलियाँ और नुक्कड़ नाटक जैसे विविध कार्यक्रमों के माध्यम से पूरे समाज में नई चेतना का संचार किया।
कनखल के प्राचीन हनुमानगढ़ी, दक्षेश्वर महादेव, चंडीदेवी और मनसा देवी मंदिर, हरकी पौड़ी अब स्वच्छता और भित्ति-चित्रों से सजे एक आध्यात्मिक सौंदर्य के प्रतीक बन चुके हैं। हनुमानगढ़ी के मुख्य अर्चक एवं महंत डॉ. आनंद पुष्प ने कहा आईटीसी मिशन सुनहरा कल और श्री भुवनेश्वरी महिला आश्रम का यह अभिनव प्रयास अनुकरणीय है। मंदिरों से निकले पुष्पों का गंगा में विसर्जन रोककर उनका खाद एवं धूपबत्ती में उपयोग वास्तव में दिव्य और उपयोगी पहल है।
गंगा घाटों से गाँव तक–अभिनव स्वच्छता मॉडल
कांवड़ पर्व के बाद शिव घाट, विष्णु घाट और दक्ष घाट पर जिला प्रशासन, नगर विधायक मदन कौशिक जी, रानीपुर विधायक श्री आदेश चौहान जी व आईटीसी मिशन सुनहरा कल के संयुक्त प्रयास से विशेष स्वच्छता अभियान चलाया गया। मंदिरों से निकले निरमाल्य पुष्पों को धूप अगरबत्ती बनाने हेतु सरस केंद्र, जमालपुर कलां भेजा गया। महिला समूहों व आकांक्षा दिव्यांग विद्यालय, भेल के दिव्यांग छात्र-छात्राओं ने इन्हें धूपबत्ती व अगरबत्ती में परिवर्तित किया। इस पहल से न केवल गंगा प्रदूषण में कमी आई बल्कि पर्यावरण-अनुकूल उत्पाद और स्थानीय रोजगार के नए अवसर भी सृजित हुए।
स्वच्छोत्सव का आगाज़ नगर निगम हरिद्वार से विशाल जन-जागरूकता रैली के साथ हुआ। नगर आयुक्त श्री नंदन कुमार, आईएएस ने रैली को हरी झंडी दिखाते हुए कहा
“स्वच्छता केवल योजना नहीं, बल्कि जीवन की अनिवार्यता है। नगर निगम के साथ आईटीसी मिशन सुनहरा कल का सहयोग अनुकरणीय है। रैली नारायणशीला से देवपुरा होते हुए भल्ला इंटर कॉलेज तक पहुँची। विद्यार्थियों व स्वयंसेवकों ने रास्ते से 300 किलो अपशिष्ट एकत्र कर निस्तारण किया। मार्ग स्वच्छता नारों से गूंज उठा और जनचेतना का वातावरण बना।
आईटीसी मिशन सुनहरा कल–बहुआयामी स्वरूप स्वच्छोत्सव 2025 ने यह दिखाया कि आईटीसी मिशन सुनहरा कल केवल स्वच्छता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण विकास और सामाजिक परिवर्तन का व्यापक मॉडल है।
75 राजकीय विद्यालय व 50 आंगनबाड़ियों में पेंटिंग, साफ-सफाई और शिक्षण-सामग्री (TLM) उपलब्ध कराई गई। बच्चों में स्वच्छता नेतृत्व विकसित किया गया। डिजिटल शिक्षा प्रोजेक्ट से ग्रामीण विद्यार्थियों को स्मार्ट कक्षाओं व ई-लर्निंग से जोड़ा गया। 350 अल्ट्रा पुअर महिलाओं को राष्ट्रीय आजीविका मिशन व ग्रामोत्थान परियोजना से जोड़ा गया। टीएचपी प्रोग्राम से असहाय महिलाओं को स्वरोजगार मिला।
महिला स्वयं-सहायता समूहों को उत्पाद निर्माण, विपणन व कौशल विकास में प्रशिक्षित किया गया। विश्व हृदय दिवस (29 सितम्बर) पर मेट्रो हॉस्पिटल सिडकुल और नगर पालिका शिवालिक नगर के सहयोग से 72 स्वच्छ दूतों का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ। मातृत्व व बाल स्वास्थ्य शिविर, आंगनबाड़ी चैंपियंस व पोषण परामर्श सत्र आयोजित हुए।
वॉटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर, चेक डैम और तालाब पुनर्जीवन जैसी पहलों से ग्रामीण क्षेत्रों में जल स्तर सुधरा। ग्रीन गंगा पहल के तहत देवालय विद्यालय आंगनबाड़ियों में पौधरोपण और जैव विविधता संरक्षण कार्य किए गए। सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा आईटीसी मिशन सुनहरा कल ने शिक्षा, आजीविका और स्वच्छता के क्षेत्र में जो कार्य किया है, वह हरिद्वार ही नहीं, पूरे उत्तराखंड के भविष्य को बदलने वाला है।











