देहरादून

सेवा समर्पण त्याग व धर्म के पर्याय बाबा तरसेम सिंह की हत्या से स्तब्ध हैं: आलोक कुमार

राजेश कुमार देहरादून प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) देहरदूम/नई दिल्ली। देवभूमि उत्तराखण्ड के उधमसिंह नगर में नानकमत्ता गुरुद्वारे के डेरा कार सेवा प्रमुख बाबा तरसेम सिंह की नृशंस हत्या पर विश्व हिन्दू परिषद ने गहरा दुख व्यक्त किया है। विहिप के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने आज कहा है कि वे सेवा, समर्पण, त्याग व धर्म के पर्याय थे। वे एक ऐसे महान व्यक्तित्व थे जिनका किसी से कोई बैर हो सकता है, यह अकल्पनीय है। सामान्य व्यक्तियों के बीच ही नहीं अपितु, वे तो समाज के प्रबुद्ध वर्ग में भी अपना बड़ा प्रभाव रखते थे। निरंतर लोगों की सेवा, जनहित के कार्य तथा नानकमत्ता गुरुद्वारे के पुनर्निर्माण हेतु कार सेवा की तमाम जिम्मदारियों की देखभाल करते हुए उन्होंने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था। ऐसे महात्मा के हमसे दूर चले जाने से सम्पूर्ण विश्व का धर्म प्रेमी व सेवावृति हिन्दू-सिख समाज स्तब्ध व आहत है। बाबाजी हिन्दू सिख एकता के सांझ थे। उनके बलिदान से यह सांझ और मजबूत होगी। वे सशरीर भले ना हों किन्तु, उनका कृतित्व व व्यक्तित्व सम्पूर्ण विश्व को चिरकाल तक प्रेरणा व ऊर्जा देता रहेगा। हमें विश्वास है कि राज्य सरकार हत्यारों को कठोरतम दंड देगी।

उन्होंने कहा कि राज्य में अनेक शिक्षण संस्थाओं, अस्पतालों व सेवा केंद्रों के अतिरिक्त गुरुद्वारा नानकमत्ता के माध्यम से बाबा जी उत्तराखण्ड में किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा के दौरान लंगर, सहायता व राहत सामग्री पहुंचाने का काम तन-मन-धन से करते थे। इतना ही नहीं, अयोध्या में श्री रामजन्मभूमि पर पुर्नस्थापित भगवान रामलला के भव्य मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में उपस्थित रह कर उन्होंने लगभग एक पखवाड़े तक राम भक्तों की सेवा में अखण्ड लंगर का संचालन किया था। श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति आंदोलन में सिक्ख समाज के अमूल्य योगदान का वे अनुपम तरीके से वर्णन किया करते थे। हरिद्वार कुंभ के समय भी उनकी निरंतर लंगर सेवा से सभी परिचित हैं।

विहिप अध्यक्ष ने उन्हें स्मरण करते हुए कहा कि वे सनातन संस्कृति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और आस्था को सिक्ख समाज सहित हिन्दू समाज की सभी धर्म-धाराओं के समक्ष प्रमुखता से रखते थे। उनके व्यक्तित्व के साथ उनके सेवा कार्यों की चर्चा सिर्फ उत्तराखण्ड में नहीं अपितु संपूर्ण भारत में होती थी। उनके वृहद सेवा कार्यों से प्रभावित होकर ही उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री कई बार नानकमत्ता गुरुद्वारा द्वारा जा चुके हैं। विश्व हिंदू परिषद घटना की कड़ी निंदा करता है और हम यह आशा करते है कि राज्य सरकार आरोपियों को त्वरित गिरफ्तार कर उचित कार्यवाही करेगी।

Related Articles

Back to top button