सरकार द्वारा पेयजल व्यवस्था के निजीकरण के विरुद्ध जल निगम जल संस्थान कर्मचारियों में रोष
गगन शर्मा सह सम्पादक
(गगन शर्मा) हरिद्वार। हरिद्वार के उत्तराखण्ड जल संस्थान जगजीतपुर में धरना प्रदर्शन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता राजेश सिंह नेगी, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी द्वारा तथा संचालन गोविन्द प्रसाद गैरोला द्वारा किया गया। शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत संचालित पेयजल एवं सीवरेज कार्यों का निर्माण कार्य उत्तराखण्ड पेयजल निगम से न कराकर यूयूएसडीए द्वारा कराया जा रहा है और उसका संचालन कार्य भविष्य में उत्तराखण्ड जल संस्थान द्वारा न कराकर यूयूएसडीए द्वारा स्वयं अपने हाथो मे लिया जा रहा है। उक्त कार्यवाही उत्तरप्रदेश जलापूर्ति एवं सम्भरण अधिनियम 1975 का स्पष्ट उल्लघन है। शहरी विकास विभाग द्वारा निर्माण संचालन विशेषज्ञ विभाग उत्तराखण्ड पेयजल निगम व उत्तराखण्ड जल संस्थान को खत्म करने की लगातार साजिश की जा रही है। जिसके विरोध में पूर्व मे भी धरना प्रदर्शन किया गया था। आज के धरना प्रदर्शन कार्यक्रम में वक्ताओं ने एक मत से कहा कि एक ओर एकीकरण, राजकीयकरण शासन स्तर से विलम्ब होने से उत्तराखण्ड पेयजल विभाग के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों ने निराशा है वहीं शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत संचालित संस्था यूयूएसडीए के द्वारा मूल अभियांत्रिकी विभागों के कार्यक्षेत्र में अतिक्रमण किये जाने से सभी कार्मिका अत्याधिक आक्रोश में है।
जल निगम, जल संस्थान संयुक्त मोर्चा के जनपद संयोजक कुमार गौरव ने अवगत कराया की शहरी विकास विभाग के अन्तर्गत संचालित यूयूएसडीए में कराये जा रहे कार्यों के निरीक्षण, पर्यवेक्षण हेतु सक्षम व आवश्यक तकनीकी अनुभवयुक्त अभियन्ता तैनात नही है अपितु अन्य विभाग से प्रतिनियुक्ति पर लाये गये अभियन्ता उक्त संस्था में कार्य कर रहे है। जायेगा उक्त संस्था के अन्तर्गत कार्यरत अधिकाशं अभियन्ता उनके द्वारा धारित पद के अनुरूप आवश्यक न्यूनतम तकनीकी अर्हता एवं सीवरेज, पेयजल का अनुभव नहीं रखते है परिणामत् उक्त संस्था द्वारा कराये जा रहे कार्यों की गुणवत्ता स्तरीय नही पायी गयी, जिस कारण निर्माण कार्यों में लापरवाही व तकनीकी अज्ञानता के कारण जहाँ शासकीय धन की बर्बादी हो रही है वही अनियोजित एवं त्रुटिपूर्ण हानि निर्माण कार्यों के कारण आम जनता को हो रही असुविधा के कारण सरकार की छवि भी धुमिल हो रही है। शासन द्वारा मोर्चे की मांगों का समाधान नही किया गया है अतः विवश होकर मोर्चा द्वारा एकमत से निर्णय लिया गया कि 21 एवं 22 जनवरी को जनप्रतिनिधियों के माध्यम से शासन सरकार को ज्ञापन प्रेषित किया जाएगा। उसके पश्चात 23 और 24 जनवरी को पूरे उत्तराखण्ड स्थित सभी जल निगम, जल संस्थान के कार्मिकों, पेंशनरों द्वारा प्रातः 10:00 से 12:00 बजे तक धरना दिया जायेगा तथा ज्ञापन जिलाधिकारी महोदय हरिद्वार के माध्यम से प्रेषित किया जायेगा। 25 जनवरी को सभी कार्मिको, पेन्शनरों द्वारा रैली का आयोजन किया जायेगा। उसके बाद 27 जनवरी तक मांगों का समाधान न होने पर पूर्णकालीन धरना दिया जायेगा और निर्माण कार्यों का पूर्ण बहिष्कार किया जायेगा। पेयजल व्यवस्था बाधित न हो तथा आम जनता को असुविधा न हो इसके दृष्टिगत संचालन कार्यों को प्रभावित नही किया जायेगा। यदि 31 जनवरी तक भी शासन, सरकार द्वारा मांगों का समाधान नहीं किया जाता है तो इन परिस्थितियों में आगामी 1 फरवरी को मोर्चे की बैठक की जायेगी जिसमे पूर्ण कार्य बहिष्कार किये जाने का निर्णय लिया जा सकता है। इसी क्रम में जल निगम जल संस्थान संयुक्त मोर्चा की जनपद कार्यकारणी का गठन किया गया, जिसमें शलभ मित्तल को अध्यक्ष, गोविन्द प्रसाद गैरोला एवं अमित कुमार को कोषाध्यक्ष,कुलदीप सिंह को सचिव पदाधिकारी नामित किये गये। बैठक में जल निगम, जल संस्थान मोर्चे के अरुण कुशवाह, नरेश पाल, कुमार गौरव, सुदामा प्रसाद, धन सिंह नेगी, शलभ मित्तल, सिंकदर चौहान, सुरेन्द्रजीत शर्मा, अनुराग शर्मा, अंचित पराशर, मदन सिंह, शीतल सिंह राठौर, गोविन्द प्रसाद गैरोला, अमित कुमार, श्यामा प्रसाद, नेहा गौड़, बैजन्ती आर्या, रशिम भण्डारी, छवि शर्मा, रघुवीर रावत, मंयक, मनीष, शिवांक सिंह सैनी, नरेश पाल, रामबाबू कुशवाह, अनिकेत शर्मा, आनन्द सिंह बिष्ट, जयपाल सिंह तोमर, मोहित जैन, सी०एस० कन्डवाल, रामकुमार, प्रियंका पोखरियाल, संजीव कुमार, अजय यादव, राहुल असवाल, सुनील मिश्रा, प्रीतम सैनी, मुनीश धीमान, रवि कुमार, संजय कुमार, प्रताप नेगी द्वारा प्रतिभाग किया गया।