बंगलादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में हिन्दू समाज का आक्रोश, मार्च ऋषिकुल से हरकी पैड़ी तक
राजेश कुमार हरिद्वार संवाददाता
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) हरिद्वार। बंगलादेश में हिंदुओं पर बढ़ते अत्याचारों के विरोध में आज एक विशाल आक्रोश मार्च का आयोजन किया गया। यह मार्च ऋषिकुल से हरकी पैड़ी तक आयोजित किया गया। जिसमें हजारों की संख्या में स्थानीय हिंदू समाज के लोग शामिल हुए। मार्च का उद्देश्य बंगलादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे हिंसा, दुर्व्यवहार और धार्मिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाना था।
पैदल की शुरुआत ऋषिकुल से दोपहर 1 बजे हुई, मानवाधिकार मंच के तत्वाधान में सन्तों के नेतृत्व में स्थानीय संगठनों के कार्यकर्ताओं ने एकत्र होकर बंगलादेश की स्थिति के बारे में प्रबुद्ध समुदाय के लोगों को संबोधित किया। मार्च के दौरान प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न बैनर और पोस्टर लिए हुए थे, जिन पर बांग्लादेशी हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचारों की तस्वीरें और सूचनाएं थीं। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से बंगलादेश में हिंदुओं पर हमले, उनकी धार्मिक स्थलों पर हमलों की घटनाएँ तेजी से बढ़ी हैं। इन घटनाओं ने भारतीय हिंदू समुदाय में चिंता और गुस्सा पैदा कर दिया है।
इस अवसर पर हिंदू महापुरुषों के प्रतीकों और झंडों के साथ उपस्थित लोगों ने “हिंदू एकता जिंदाबाद” और “बंगलादेश में हिंदुओं को न्याय दो” जैसे नारे लगाए।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा कि बंगलादेश में हिंदुओं के साथ हो रहे अत्याचार और दमन को अब और सहन नहीं किया जा सकता। “हम अपने भाइयों और बहनों के लिए खड़े हैं, जो बंगलादेश में एक असुरक्षित स्थिति का सामना कर रहे हैं। हम भारत सरकार से अपील करते हैं कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और बंगलादेश में धार्मिक भेदभाव के खिलाफ कठोर कदम उठाएं। आरएसएस के क्षेत्र प्रचार प्रमुख पदम् जी ने कहा कि बंगलादेश सरकार को चाहिए कि वे अपने देश में धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करें और हिंदू अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करें। “धर्म परिवर्तन, जबरदस्ती के विवाह और हिंदुओं की संपत्ति पर कब्जा करने की घटनाएं बंगलादेश के अल्पसंख्यक समुदाय के लिए असहनीय हो गई हैं।
हरकी पैड़ी पर पहुंचने पर योगऋषि बाबा रामदेव ने कहा कि बंगलादेश में कट्टरपंथी हिन्दू अल्पसंख्यको को टारगेट कर उन पर अत्याचार कर रहे है। इस स्थित में यूएनओ को चाहिए कि वह शांति सेना बंगालदेश में भेज कर वह हिन्दू अल्पसंख्यक जनता के मानवाधिकारो की रक्षा करें।
सभा में उपस्थित लोगों ने एकजुटता के प्रतीक स्वरूप एक एकत्रित संकल्प लिया। “हम सभी मिलकर यह प्रतिज्ञा करते हैं कि हम अपने बंगलादेशी भाइयों और बहनों के लिए आवाज उठाते रहेंगे, और उनकी सुरक्षा के लिए संघर्ष करते रहेंगे। इस कार्यक्रम के अंत में, सभी ने एकत्रित होकर संकल्प लिया कि वे इस मुद्दे को आगे बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाएंगे। उन्होंने सभी से अपील की कि वे इस विषय पर ध्यान दें और हिंदू समुदाय की आवाज़ सुनें। कार्यक्रम का संचालन सीए अनिल वर्मा ने किया। हर की पैड़ी पर महामहिम राष्ट्रपति व यूएनओ के नाम जिलाधिकारी के माध्यम से एसडीएम अजयवीर सिंह को ज्ञापन सौंपा गया।
इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी यतीन्द्रानन्द गिरी, महामंडलेश्वर रूपेंद्र प्रकाश महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानन्द, स्वामी विष्णुदास, बाबा हठयोगी, स्वामी मानदास, स्वामी प्रेमस्वरूप, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत रघुवीर दास, महंत ऋषिश्वरानन्द, महंत लोकेंद्र दास, महंत गंगा दास, किन्नर समाज से गुंजन बुआ के साथ ही शिक्षा मंत्री डॉ. धनसिंह रावत, पूर्व मंत्री व नगर विधायक मदन कौशिक, विधायक आदेश चौहान, पूर्व विधायक सजंय गुप्ता, सुरेश राठौड़, श्रीगंगा सभा अध्यक्ष नितिन गौतम, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, श्रीपरशुराम अखाड़े के अधीर कौशिक, मानवाधिकार मंच के संयोजक डॉ. यतीन्द्र नाग्यान, डॉ. अनुराग, बलदेव रावत, अनिल गुप्ता, अमित शर्मा आदि मुख्य रूप से थे।