ज्वालापुर में नकली आयुर्वेदिक दवा फैक्ट्री पर आयुर्वेदिक विभाग का छापा, एक गिरफ्तार
रवि चौहान हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रवि चौहान) हरिद्वार। ज्वालापुर के अहबाब नगर में नकली आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण के खिलाफ डॉ स्वास्तिक जैन, जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी, हरिद्वार ने बड़ी कार्रवाई की। शरीफी हर्बल कंपनी की शिकायत के आधार पर यह कार्रवाई की गई, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी कंपनी के नाम से ज्वालापुर में बिना लाइसेंस के अवैध रूप से आयुर्वेदिक दवाएं बनाई जा रही हैं। इसके बाद आयुर्वेदिक विभाग ने त्वरित कार्यवाही करते हुए जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. स्वास्तिक सुरेश के नेतृत्व में एक टीम, जिसमें डॉ. अश्वनी कौशिक प्रभारी चिकित्सा अधिकारी, राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय निरंजनपुर और कर्मचारी राम मूरत शामिल थे पुलिस के साथ मिलकर अभाव नगर, ज्वालापुर में छापेमारी की। मौके पर एक व्यक्ति मिला। टीम ने परिसर में प्रवेश कर पाया कि वहां भारी मात्रा में नकली आयुर्वेदिक दवाएं, जिनमें ‘हवा फौलादी एम’ और ‘हवा फौलादी एफ’ के डब्बे, पैकिंग सामग्री, गैस सिलेंडर, और खाली प्लास्टिक के डब्बे मौजूद थे। वहाँ मौजूद व्यक्ति से दवा निर्माण का लाइसेंस मांगा गया, लेकिन वह कोई वैध लाइसेंस प्रस्तुत नहीं कर सका और स्वीकार किया कि वह बिना लाइसेंस के दवाएं बना रहा था। यह कृत्य ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 33EC का उल्लंघन है और मिसब्रांडिंग की श्रेणी में आता है।टीम ने फॉर्म-15 के तहत सीजर मेमो तैयार कर सभी दवाओं को जब्त किया और धारा 22 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की। आयुर्वेदिक विभाग ने हरिद्वार ने नकली आयुर्वेदिक दवा बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस छापेमारी के दौरान बड़ी मात्रा में नकली दवाएं, पैकेजिंग के रैपर और अन्य निर्माण सामग्री जब्त की गई। यह ऑपरेशन पुलिस ने आयुर्वेदिक विभाग के सहयोग से एक सूचना के आधार पर किया। डॉ स्वास्तिक जैन के अनुसार के अनुसार, कुछ आयुर्वेदिक दवाओं की नकली प्रतियां बनाकर बाजार में बिक रही थीं। इससे न केवल उपभोक्ताओं को धोखा दिया जा रहा था, बल्कि उनकी सेहत को भी खतरा पैदा हो सकता था। मामले की पूरी जांच अभी जारी है। जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी ने बताया कि यह अवैध गतिविधि जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा है और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने और सुसंगत धाराओं में कार्रवाई करने हेतु अनुरोध दिया गया है।
आयुर्वेदिक विभाग की अपील
जिला आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ स्वास्तिक जैन ने जनता से आयुर्वेदिक दवाओं के प्रति जागरूकता की अपील की है। डॉ स्वास्तिक सुरेश ने कहा, “हम जनता से अनुरोध करते हैं कि वे आयुर्वेदिक दवाओं के संबंध में सतर्क रहें और केवल प्रमाणित व लाइसेंस प्राप्त दवाओं का उपयोग करें। आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण और बिक्री के लिए ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 के तहत कड़े नियम हैं, जिनका पालन अनिवार्य है। नकली दवा कंपनियों को चेतावनी आयुर्वेदिक विभाग ने नकली दवा निर्माता कंपनियों को सख्त चेतावनी दी है। डॉ स्वास्तिक जैन ने कहा हम ऐसी कंपनियों को बख्शेंगे नहीं और कानून के अनुसार कड़ी सजा देंगे। यह चेतावनी उन सभी कंपनियों के लिए है जो अवैध रूप से नकली दवाएँ बनाकर जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रही हैं। डॉ स्वास्तिक जैन ने बताया कि नकली दवाओं का खतरा हाल के अध्ययनों के अनुसार, भारत में नकली दवाओं का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, जो जनता के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन गया है। ये नकली दवाएँ न केवल अप्रभावी होती हैं, बल्कि हानिकारक भी हो सकती हैं। कानूनी प्रावधान आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण और बिक्री को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार ने ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 बनाया है, जिसमें आयुर्वेदिक दवाओं के लिए विशेष प्रावधान शामिल हैं। इस अधिनियम के तहत सभी आयुर्वेदिक दवाओं का लाइसेंस प्राप्त करना अनिवार्य है और निर्धारित मानकों का पालन करना होता है।उपभोक्ताओं के लिए सलाहउपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे दवाओं की पैकेजिंग पर लाइसेंस नंबर और निर्माता की जानकारी की जाँच करें। किसी भी संदेह की स्थिति में आयुर्वेदिक विभाग से संपर्क करने की सिफारिश की गई है।