देहरादून

खुलासा: बुजुर्ग की हत्या करने वाले दंपति अमृतसर से गिरफ्तार

राजेश कुमार देहरादून प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) देहरादून। देहरादून पुलिस द्वारा पटेलनगर के बुजुर्ग की हत्या करने वाले फरार दंपति को पंजाब के अमृतसर से गिरफ्तार किया है। बीती 7 फरवरी को पटेलनगर पुलिस को निधि राठौर पुत्री श्याम लाल निवासी पीठावाला, चंद्रमणी पटेलनगर देहरादून कोतवाली पटेलनगर में अपने पिता श्याम लाल गुरुजी के अपनी स्प्लेंडर बाइक संख्या यू0के0-07-डीटी-1685 समेत घर से बिन बताये कहीँ चले जाने की सूचना दर्ज करवाई थी। पुलिस कप्तान अजय सिंह ने बताया कि पुलिस टीम द्वारा पीड़ित के घर से निकलने के सभी रूट पर लगे सीसीटीवी को खंगालते हुए एक सीसीटीवी फुटेज में बुजुर्ग को अपनी मोटरसाइकिल से किशन नगर चौक होते हुए एक महिला गीता के घर के पास तक जाते हुए देखा किन्तु उसके बाद वहां से वापिस आने की पुलिस को बुजुर्ग की कोई फुटेज प्राप्त नही हुई। जिसके बाद पुलिस द्वारा उक्त महिला गीता व उसके पति उसके पति के सम्बंध में जानकारी की गई तो पुलिस को दोनो अपने घर से फरार मिले व उनके फोन नंबर भी लगातार स्विच ऑफ होना सामने आया। अजय सिंह ने बताया कि दोनों अभियुक्तो के नंबर सर्विलांस पर लगाने पर पुलिस को दोनो फरार अभियुक्तो द्वारा श्यामलाल के गुम होने के बाद संपर्क किये जाने की जानकारी हुई। जिसपर पुलिस द्वारा संदिग्ध महिला गीता के मायके देवबंद सहारनपुर में दबिश देते हुए महिला के भाई अजय कुमार पुत्र रामपाल व उसके जीजा धनराज चावला को गिरफ्तार किया था। दोनो अभियुक्तो द्वारा पुलिस के सामने गीता द्वारा अपने पति हिमांशु चौधरी के साथ मिलकर गुमशुदा श्यामलाल की 2 फरवरी को हत्या करने की बात कबूल की थी। अभियुक्तों ने बताया कि गीता द्वारा बुजुर्ग की हत्या करने के बाद उन्हें शव को ठिकाने लगाने के लिए बुलाया गया था, जहां अभियुक्तो द्वारा बुजुर्ग के शव को अपनी गाड़ी में रखकर देवबंद स्थित साखन की नहर में फेंकने की जानकारी दी गयी। अभियुक्तो की निशानदेही पर पुलिस द्वारा बीती 20 फरवरी को सहारनपुर के बडगांव थाना क्षेत्र से बुजुर्ग के शव को बरामद किया है। वहीं घटना के बाद से ही मुख्य आरोपी गीता तथा हिमांशु लगातार फरार चल रहे थे। जांच में पुलिस को हिमांशु चौधरी के राजधानी के किसी प्रतिष्ठित कॉलेज में एमबीबीएस का छात्र है। मुख्य अभियुक्त दम्पती घटना के बाद से ही लगातार फरार चल रहे थे जिनपर पुलिस कप्तान अजय सिंह द्वारा 25-25 हज़ार का ईनाम घोषित किया गया था। अभियुक्तो की गिरफ्तारी हेतु पुलिस टीम द्वारा लगातार गैर प्रान्त राजस्थान, जयपुर, कोटा, दिल्ली आदि स्थानों पर दबिशें दी गयी पर अभियुक्त अपनी गिरफ्तारी से बचते हुए लगातार अपनी मौजूदगी को छिपा रहे थे। पुलिस टीम द्वारा अभियुक्तो की गिरफ्तारी हेतु सर्विलांस की मदद से दम्पती को अमृतसर पंजाब से गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में अभियुक्ता गीता द्वारा बताया गया कि मृतक श्याम लाल से विगत 12 वर्षों से उसके अवैध सम्बन्ध थे, जिसके चलते वह पिछले 03 सालों से अपनी पुत्री के साथ अपने पहले पति से अलग रह रही थी तथा मई 2024 में उसके द्वारा अभियुक्त हिमांशु चौधरी से मन्दिर में शादी की थी। अभियुक्त हिमांशु चौधरी देहरादून से एमबीबीएस की पढाई कर रहा था तथा बार-बार ड्राप आउट होने के कारण उसकी पढाई पर काफी खर्चा हो गया था। पैसों की तंगी को पूरा करने के लिये दोनो दम्पत्ति अभियुक्तों ने मृतक श्यामलाल की अभियुक्ता गीता के साथ अश्लील विडियो बनाकर उसे ब्लैकमेल कर उससे पैसा ऐंठने की योजना बनाई। योजना के मुताबिक अभियुक्तों द्वारा किशननगर एक्स्टेंशन में अपने किराये के कमरे से थोडी दूरी पर एक अन्य कमरा किराये पर लिया तथा दिनांक: 02-02-25 को अभियुक्ता गीता द्वारा मृतक श्याम लाल को फोन कर किराये पर लिये गये दूसर कमरे पर बुलाया गया, जहां अभियुक्त हिमांशु चौधरी पहले से ही मौजूद था, जो छिपकर दोनो की अश्लील वीडियो बनाने की फिराक में था। कमरे में पहुंचने के बाद मृतक श्यमालाल को दोनो अभियुक्तों की योजना की भनक लगने पर वो जोर-जोर से हल्ला करने लगा। इस दौरान अभियुक्तों द्वारा उसे बांधकर उस पर काबू करने का प्रयास किया गया परन्तु मृतक श्यामलाल के लगातार जोर-जोर से चिल्लाने पर दोनो अभियुक्तों ने उसका मूंह बन्द कर दिया तथा गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। हत्या के पश्चात अभियुक्तों द्वारा मृतक के शव को उक्त कमरे में ही छोड दिया तथा घटना के अगले दिन अभियुक्ता गीता द्वारा उक्त घटना की जानकारी देते हुए अपने भाई अजय को तथा दिनांक: 04-02-25 को अपने बहनोई धनराज चावला को देते हुए उन्हें देवबंद सहारनपुर से देहरादून बुलाया। चूकिं अभियुक्त हिमांशु एमबीबीएस की पढाई कर रहा था, तो उसे जानकारी थी कि शव को एक दो दिन रखने के बाद शरीर में खून जम जाता है तथा उसे काटने पर शरीर से खून नहीं निकलता है, जिस पर अभियुक्त हिमांशु चौधरी द्वारा अन्य अभियुक्तों के साथ मिलकर मृतक श्यामलाल के शव के अलग-अलग टुकडे कर उन्हें रस्सी से बांधकर प्लास्टिक के अलग-अलग कट्टों में डाल दिया तथा अभियुक्त धनराज चावला द्वारा लाये गये वाहन में घरेलू सामान के साथ रखकर देहरादून से देवबंद ले गये तथा शव को देवबंद में साखन की नहर में फेंक दिया। घटना के बाद पुलिस को गुमराह करने के लिये अभियुक्तों द्वारा मृतक की मोटर साइकिल को आईएसबीटी के पास सडक किनारे एक खाली प्लाट में खडा कर दिया तथा वाहन की नम्बर प्लेट को उखाडकर कबाड में फेंक दिया। घटना के बाद अभियुक्त हिमाशु चौधरी देवबंद से रूडकी आ गया। जहां से वह गीता के साथ पुलिस से बचने के लिये पहले मुम्बई फिर जयपुर, प्रयागराज, कुरूक्षेत्र तथा अमृतसर में अलग-अलग स्थानों में छिपकर रह रहा था।

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