हरिद्वार

बिहारीगढ़, बुग्गावाला क्षेत्र में बकरी प्रजनन केंद्र की स्थापना हेतु भूमि पूजन कार्यक्रम

गगन शर्मा सह सम्पादक

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(गगन शर्मा) हरिद्वार। हरिद्वार जिले में बकरी पालकों को मिलेगी उच्च नस्ल की बकरियां–बकरी प्रजनन केंद्र की स्थापना हेतु भूमि पूजन कार्यक्रम संपन्न किया गया। मुख्य विकास अधिकारी हरिद्वार के निर्देशों के क्रम में ग्रामोत्थान परियोजना के अंतर्गत गतिविधियों के समयबद्ध क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए हरिद्वार जिले के भगवानपुर विकासखंड के बिहारीगढ़, बुग्गावाला क्षेत्र में बकरी प्रजनन केंद्र की स्थापना हेतु भूमि पूजन कार्यक्रम संपन्न हुआ।
ग्रामोत्थान परियोजना के वित्तीय सहयोग से उत्तराखंड पशुपालन निदेशालय के अंतर्गत गठित उत्तराखंड भेड़ एवं बकरी पालन कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड द्वारा इस प्रजनन केंद्र की स्थापना की जा रही है। केंद्र की क्षमता 105 बकरियों (100 फीमेल और 5 मेल) की होगी, और इसका उद्देश्य जिले के बकरी पालकों को उच्च नस्ल की बकरियां उपलब्ध कराना है, जिससे उनकी उत्पादकता और आय में वृद्धि हो सके। इस भूमि पूजन कार्यक्रम में मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी द्वारा चयनित लाभार्थियों और जिला परियोजना प्रबंधक (ग्रामोत्थान परियोजना) ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान जिला परियोजना प्रबंधक ने लाभार्थियों से चर्चा की और प्रजनन केंद्र की स्थापना को शीघ्रता से पूर्ण कर प्रजनन कार्य शुरू करने का निर्देश दिया। यह प्रजनन केंद्र उच्च नस्ल की बकरियों का उत्पादन करेगा, जिससे जिले के चयनित बकरी पालकों को इन बकरियों को प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। साथ ही, आसपास के क्षेत्रों में भी बकरी पालकों को उच्च नस्ल की बकरियां मिलेंगी, जिससे उनकी उत्पादकता और मुनाफा बढ़ेगा। इस केंद्र से 50 बकरी पालक सीधे लाभान्वित होंगे, जहां प्रत्येक पालक को 10 फीमेल और 1 मेल बकरी उपलब्ध कराई जाएगी। हरिद्वार जिले और राज्य में अपनी तरह का यह पहला उच्च नस्ल का बकरी प्रजनन केंद्र है, जो बकरी पालन से जुड़े किसानों को उनके व्यवसाय में सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। केंद्र का मुख्य उद्देश्य बकरी पालन को बढ़ावा देना और बकरी पालकों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है। उच्च नस्ल की बकरियां पालकों को बेहतर उत्पादकता और लाभ प्रदान करेंगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा। इसके साथ ही ग्रामोत्थान परियोजना के तहत जुड़े 1000 से अधिक लाभार्थी और अन्य बकरी पालक भी इस केंद्र से लाभान्वित होंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार और आजीविका के नए अवसरों का सृजन होगा।

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