हरिद्वार

शिवडेल स्कूल जगजीतपुर में हुआ वीर बाल दिवस का आयोजन

गगन शर्मा सह सम्पादक

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(गगन शर्मा) हरिद्वार। शिवडेल स्कूल जगजीतपुर हरिद्वार में वीर बाल दिवस मनाया गया। जो गुरु गोविंद सिंह जी के चारों साहिबजादों की शहादत को नमन करने का दिन है। इन साहिबजादों ने धर्म, सत्य और न्याय की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। इस अवसर पर स्कूल ने उनके साहस और वीरता को याद करते हुए एक रंगारंग और उत्साहपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत स्ववेद प्ले ग्रुप के नन्हे बच्चों द्वारा एक विशेष नृत्य प्रदर्शन से हुई, जिसमें उन्होंने गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों की वीरता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उन्होंने गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों के जीवन के महत्वपूर्ण घटनाओं को अभिनय के माध्यम से जीवंत किया। यह कार्यक्रम अत्यंत दिलचस्प और भावनात्मक था। संस्कृतिक और बौद्धिक विकास की परंपरा को बनाए रखते हुए कक्षा 1 से 5 तक के विद्यार्थियों ने विभिन्न गतिविधियों में भाग लिया, जिनमें चित्रकला और कहानी लेखन शामिल था। बच्चों ने मेरा भारत के लिए सपना और मुझे क्या खुश करता है, जैसे विषयों पर अपने विचार साझा किए, और रंग-बिरंगे चित्रों और विचारशील शब्दों के माध्यम से अपनी उम्मीदों और खुशियों को व्यक्त किया। कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों ने राष्ट्र निर्माण में बच्चों की भूमिका और विकसित भारत के लिए मेरा दृष्टिकोण जैसे विषयों पर निबंध लेखन, कविता पाठ और डिजिटल प्रस्तुतियाँ दीं। इन छात्रों ने राष्ट्र के भविष्य पर गहरे विचार किए और यह बताया कि वे इसे बेहतर बनाने में किस तरह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन स्वामी शरदपुरी ने गुरु गोविंद सिंह जी के साहिबजादों की शहादत की महत्ता पर प्रकाश डाला और कहा कि उनकी वीरता आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि वे समाज और राष्ट्र की सेवा में अपने कर्तव्यों का पालन करें। विद्यालय के प्रधानाचार्य अरविंद बंसल ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन युवा पीढ़ी में राष्ट्रभक्ति और एकता की भावना को प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने कहा कि इन घटनाओं से विद्यार्थियों में देश के प्रति गर्व और जिम्मेदारी का भाव उत्पन्न होता है। कार्यक्रम की सफलता में विपिन मलिक और विनीत मिश्रा के साथ-साथ समस्त शिक्षकों के सामूहिक प्रयासों का अहम योगदान रहा। उनके सहयोग से यह कार्यक्रम न केवल शैक्षिक बल्कि प्रेरणादायक और मनोरंजक भी बना, जिससे विद्यार्थियों में देशप्रेम और राष्ट्रीयता का भाव जागृत हुआ।

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