हरिद्वार

पीएम सहित उत्तराखंड के सीएम को एडवोकेट मयंक त्यागी ने भेजा पत्र

शहर में जलभराव की समस्या के समाधान को लेकर लोगों को निजात दिलाने की मांग

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रजत चौहान) हरिद्वार। जैसे-जैसे मानसून करीब आ रहा है तो वहीं हरिद्वार के मुख्य चौक-चौराहों की चिंता क्षेत्र वासियों को सताने लगी है बरसात के चलते हरिद्वार के मुख्य चौराहों में जलभराव की समस्या का कोई भी समाधान नहीं निकल पाया है, तो वहीं क्षेत्र वासियों को बरसाती मौसम में जलभराव की समस्या से जूझना पड़ता है। वहीं एडवोकेट मयंक त्यागी ने भारत के प्रधानमंत्री सहित उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को हरिद्वार के मुख्य चौराहों में रानीपुर मोड, चंद्राचार्य चौक और भगतसिंह चौक पर जलभराव की समस्या का समाधान करने के लिए पत्र डाक द्वारा भेजा है।

उन्होंने पत्र में बताया कि जबसे होश संभाला है तब से ही उक्त जलभराव की समस्या को देखता चला आ रहा हूं। साथ ही लगभग 40 वर्ष पूर्व से ही प्रत्येक वर्ष मानसून मे होने वाली भारी मूसलाधार वर्षा से चंद्राचर्या चौक, रानीपुर मोड़ तहसील व हरिद्वार स्थित क्षेत्र के लगभग 500 मीटर के रेडियस मे भारी जलभराव होता चला आ रहा है। उन्होंने पत्र में बताया कि जबकि उक्त क्षेत्र में हरिद्वार शहर का रिहायशी व पॉश बाजार वाला क्षेत्र है जहां पर की बड़े-बड़े प्रतिष्ठान, शोरूम व आवासीय भवन आदि स्थित है।

एडवोकेट मयंक त्यागी ने बताया कि पुलिस मुख्यालय, न्यायपालिका, सम्भागीय परिवहन विभाग, शिक्षा विभाग, कलेक्ट्रेट, विकास भवन, कार्यालय मुख्य चिकित्साधिकारी आदि अन्य विभाग तथा गैर-सरकारी उपक्रम सिडकुल मे कार्यरत आमजन व सरकारी कर्मचारी, अधिकारी मुख्य रूप से रानीपुर मोड, चंद्राचार्य चौक सहित भगत सिंह चौक मार्ग से ही होकर तथा जलभराव की स्थिति मे अन्य किसी अप्रत्यक्ष मार्ग से ही होकर जाने की कोशिश करते हैं, ओर साथ ही जलभराव या भारी जाम के चलते कई-कई घंटों-घंटों तक सड़क पर खड़ा होकर समय से अपने गंतव्य स्थान तक नहीं पहुँच पाते है।

एडवोकेट मयंक त्यागी ने बताया कि हर वर्ष मानसून मे होने वाली भारी मुसलाधार बारिश से उक्त क्षेत्र में भारी मात्रा में जलभराव होता है। जिससे क्षेत्र में स्थित प्रतिष्ठान, मकानों, भवनो के मालिकों द्वारा बैंक से या अन्य गैर सरकारी संसथाओं से ऋण लिया जाकर प्रतिष्ठानो का संचालन व अपने परिवार की आजीविका चलायी जाती है। जिसके परिणामस्वरूप प्रत्येक वर्ष उक्त क्षेत्र मे स्थित प्रतिष्ठान, मकानों, भवनो मे बारिश का पानी भर जाता है जिससे कि लोगों को भारी मात्र मे लाखो, करोड़ो मे आर्थिक नुकसान व माल की क्षति होती है। उन्होंने बताया कि सड़कों के किनारे खड़े दुपहिया वाहन, चौपहिया वाहन लगभग पूरी तरह से जलमग्न हो जाते है जिससे भारी मात्रा मे आर्थिक व माल हानी होती है तथा ऐसी स्थिति में सरकार द्वारा किसी भी रूप मे जलभराव से होने वाली आर्थिक हानी की क्षतिपूर्ति की सहायता प्रदान नहीं की जाती है।

अब देखना यह होगा कि एडवोकेट मयंक त्यागी द्वारा प्रधानमंत्री सहित उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को पत्र भेज कर लोगों को जलभराव की समस्या से निजात दिलाने के लिए जो मांग की है, उक्त पत्र का सरकार कितना संज्ञान लेती है यह तो अब आने वाला वक्त ही बताएगा।

Related Articles

Back to top button