जश्ने ए ईद मिलादुन्नबी पर हर्षोल्लास के साथ निकाला गया चादरी जुलूस
मोहम्मद आरिफ उत्तराखंड क्राइम प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(मोहम्मद) आरिफ हरिद्वार। पैगंबर हजरत मुहम्मद मुस्तफा दुनिया के लिए रहमत बनाकर भेजे गए हैं। वह अल्लाह के आखिरी नबी है। उनकी पैदाईश के समय दुनिया कुफ्र, जुल्म और ज्यादती की शिकार थी। समाज में कई तरह की विसंगतियां थी। ऐसे समय 12 रबीउल अव्वल 20 अगस्त 570 ई० पूर्व को पीर के दिन सादिक के वक्त उजाले के साथ हजरत अब्दुल्ला के घर मुहम्मद मुस्तफा की पैदाईश हुई। रबीउल अव्वल हिजरी कैलेंडर का तीसरा और खास महीना है। इस महीने को ईद मिलादुन्नबी के नाम से भी पुकारा जाता है। ईद यानी खुशी और मिलाद यानी पैदाइश। अल्लाह के रसूल को नबुवत अता कर दुनिया को गुमराही से निकालने का काम सौंपा। उन्होंने अल्लाह (ईश्वर) एक है। उसकी बंदगी करोंगे, तो मुक्ति पाओगे का संदेश दिया। लोगों ने उनका विरोध भी किया। उन पर जुल्म भी किऐ। मगर वह अल्लाह (ईश्वर) के बताए रास्ते पर चलते रहे। उनके कदम रुके नहीं। आखिर इस्लाम की शिक्षाओं के प्रचार प्रसार के लिए उन्होंने अपना घर छोड़ मदीना शहर के लिए हिजरत की। उनकी शिक्षाएं संपूर्ण मानवता के लिए कल्याणकारी है। हजरत मुहम्मद मुस्तफा साहब अत्यंत मृदभाषी, सत्यवादी, न्यायप्रिय और धैर्यवान थे। यही कारण है। कि वह इतने कम समय में बिना किसी खून खराबे के संपूर्ण विश्व में इस्लाम की शिक्षाओं को फैलाने में कामयाब रहे। वहीं जश्ने ईद मिलादुन्नबी के अवसर पर अकीदतमंदो ने ज्वालापुर में चादरी जुलूस बड़े हर्षोल्लास के साथ निकाला। घर घर में कुरान शरीफ तिलावत, लंगर तकसीम, फल आदि वितरित किए गए। सुबह से लोग मजहबी नारे लिखे हरे झंडे और बड़ी संख्या में चादरे लेकर लोधामंडी, कटेरा बाजार, रोशन अली पीर बाबा की दरगाह, मेन बाजार, ज्वालापुर कोतवाली, कस्सबान पुलिया होते हुए घड़ी वाले पीर बाबा की दरगाह पर पहुंचकर चादरे भी चढ़ाई। और कुछ चादरें कलियर शरीफ के लिए भी रवाना हुई। जुलूस में हजारों की संख्या में युवा और बच्चों द्वारा तकरीरे की जा रही थी। जिसमें नारा ए तकबीर अल्लाहु अकबर, इस्लाम जिंदाबाद के नारों से आस्मां गूंज रहा था। मजहबी नारों पर युवाओं सहित हर आवाम के चेहरे पर हजरत मुहम्मद मुस्तफा की यौम- ए- पैदाइश की खुशी नजर आ रही थी। जुलूस में जगह जगह अकीदतमंद चादर ले जाने वालों का सभी धर्म समुदाय के लोगों ने स्वागत भी किया। इस अवसर पर हिंदू मुस्लिम एकता और भाईचारा भी देखने को मिला। क्षेत्र में जुलूस ए मुहम्मदी पर शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए कड़े बंदोबस्त किए गए। साथ ही पुलिस बल जुलूस की निगरानी में लगा हुआ था। जुलूस पुलिस प्रशासन की निगरानी में शांतिपूर्ण संपन्न हुआ है।