देहरादून

उत्तराखंड की खस्ताहाल सड़कों का भुगतान कर रही देवतुल्य जनता

पहाड़ी क्षेत्रों से लेकर मैदानी क्षेत्रों में हर साल चंद दिनों में उखड़ जाती हैं सड़के, आखिर कौन जिम्मेदार?

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) देहरादून। उत्तराखंड डबल इंजन सरकार जहां भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड बनाने के बड़े बड़े मंचो से भाषण देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही तो वहीं उत्तराखंड की खस्ताहाल सड़कों को देख भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड की पोल खुलती नजर आ रही है। उत्तराखंड के सभी जिलों में कई सड़क निर्माण के साथ ही फ्लाई ओवर भी बनाए गए हैं।

वहीं पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क निर्माण कार्य किए जाते रहे हैं। लेकिन उत्तराखंड की बनी सड़के कहीं न कहीं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही हैं। जो कुछ समय में ही क्षतिग्रस्त होती दिखाई दे रही हैं। वहीं हर वर्ष उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश के कारण कई जगह मुख्य सड़के पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने की खबरें सामने आती रहती हैं। जहां किसी भी सरकारी निर्माण कार्य को प्रस्ताव के समय बड़े बड़े इंजीनियरों द्वारा मानकों को ध्यान में रखते हुए बजट तैयार किए जाते हैं।

जिसके बाद ही मानकों को ध्यान में रखते हुए सरकारी निर्माण कार्य पूरे किए जाते हैं। उसके बावजूद सरकारी निर्माण कार्य जैसे सड़के नालियां कुछ दिनों में ही बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होने पर कहीं न कहीं सरकारी महकमों में बैठे अधिकारियों पर भी सवाल खड़े होते हैं। लेकिन सरकार द्वारा कोई जांच नहीं कराई जाती। जहां सरकारी निर्माण कार्यों के विभागीय अधिकारी जनप्रतिनिधि, ठेकेदारों के घरों में एक दरार तक नहीं पड़ती तो वहीं फ़िर सरकारी निर्माण कार्यों में ऐसा क्यों देखा जाता है। उत्तराखंड की टूटती सड़कों को देखते हुए इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता कि उत्तराखंड में भ्रष्टाचार करने वालों की कोई कमी नहीं है। उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों में भी सड़कों की हालत बहुत दयनीय देखी जा सकती हैं। जहां आए दिन दुर्घटनाएं होने की संभावना बनी रहती है। लेकिन उत्तराखंड प्रशाशन द्वारा सड़क निर्माण कार्यों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। जिससे सरकारी महकमों में बैठे अधिकारी एवं कर्मचारी सरकार को गुमराह कर मौज लूट रहे हैं।

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