हरिद्वार

जांबाजी, कर्मठता और अपने कर्तव्य के प्रति संवेदनशील है साइबर सेल के हेड कांस्टेबल विवेक यादव

मोहम्मद आरिफ उत्तराखंड क्राइम प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(मोहम्मद आरिफ) हरिद्वार। राज्य उत्तराखंड पुलिस में आज भी ऐसे नौजवान मौजूद हैं जिन्होंने अपने संघर्ष भरे जीवन में सच्चाई और ईमानदारी के रास्तों पर चलकर कई क्षेत्रों में कामयाबी हासिल कर ऊंचाइयों को छुआ है। या फिर यूं कहें कि उन्होंने कामयाबी के कई मुकाम अपनी जांबाजी, कर्मठता, कठिन परिश्रम से हासिल किए हैं। ऐसे ही जांबाज, ईमानदार, कर्मठ और अपने कर्तव्य के प्रति संवेदनशील विवेक यादव इन्ही जवानों में शुमार हैं जो साइबर सेल हरिद्वार में हेड कांस्टेबल पद पर तैनात है। साइबर सेल के हेड कांस्टेबल विवेक यादव जिन्होंने अपने जीवन में इमानदारी के कठिन रास्तों पर चले और जांबाजी की कई मिसाले देकर जनता के दिलों में अपनी जगह बनाई और कामयाबी हासिल की हैं। कुछ पुलिस नौजवान पैसे के लिए नहीं बल्कि देश और जनता के हितों में कार्य करते हैं उनमें हेड कांस्टेबल विवेक यादव का नाम भी शुमार है जो केवल पीड़ितों को इंसाफ और पुलिस विभाग का नाम रोशन करने में लगे रहते हैं। जिन्हें विभाग की ओर से कई बार शाबाशी मिल चुकी है और उनकी एक के बाद एक अलग अलग पुलिस विभागों में तैनाती हो चुकी है। जिनमें वह हमेशा खरा उतरते हैं। विभागीय अधिकारी भी उन पर आंखें बंद कर भरोसा कर संतुष्ट रहते हैं इनका इतिहास कई रोमांचिक किस्सों और जांबाजी से भरा हुआ है। जिनमें मुख्य चर्चित दिल्ली के हुए मासूम अपहरणकांड के आरोपी को धर दबोचने के दौरान का है। उस समय भी कांस्टेबल रहे विवेक यादव की अहम भूमिका रही है। धारदार हथियार हमला होने और गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद भी विवेक यादव ने अपनी जान पर खेल कर मासूम को सकुशल बरामद किया था। जिन्हें राष्ट्रपति पदक से भी नवाजा गया था। और अब साइबर सेल में हेड कांस्टेबल पद पर तैनात रहते हुए अपनी जिम्मेदारी का गंभीरता से निर्वहन कर रहे हैं। और पीड़ितों को इंसाफ दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। हाल ही में ऑपरेशन मिसिंग मोबाइल फोन के तहत हरिद्वार पुलिस ने 76 लाख के 415 मोबाइल फोन रिकवर किए और फोन मालिकों के चेहरों पर मुस्कान लौटाई है। जिसमें साइबर सेल हेड कांस्टेबल विवेक यादव का अहम रोल पाया गया है। और उनकी कार्यशाली से खुश होकर एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने विवेक यादव को विशेष रूप से शाबाशी भी दी है। ऐसे ही तेजतर्रार विवेक यादव अपनी काबिलियत का लोहा अपराधियों से भी मनवा चुके हैं। पूर्व में एसओजी हरिद्वार में तैनात रहने के दौरान भी विवेक यादव ने कई बड़े-बड़े खुलासों में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इनकेे क्षेत्र मैं अपराधी अपराध करने के लिए दस बार सोचने को मजबूर होता हैै। इनकी इमानदारी और पीड़ितों के प्रति संवेदनशीलता को पुलिसकर्मी ही नहीं उस शहर के लोग भी याद रखते हैं जहां पर यह तैनात रहते हैं। इनकी इमानदारी और निष्पक्षता ने पीड़ितों को इंसाफ भी दिलाया है। कोई संगीन वारदात हो या मामूली शिकायत हेड कांस्टेबल विवेक यादव ईमानदारी के साथ पीड़ित को इंसाफ दिलाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। ऐसे ही जवानों ने उत्तराखंड पुलिस का नाम रोशन कर रखा है। जो हर हाल में पीड़ितों को इंसाफ और अपराधियों के बीच में फंसे व्यक्तियों को अपनी जान पर खेलकर बचाने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। यहां आकर ऐसे ही पुलिस जवान हर नागरिकों की नजरों में अवतार का रूप ले लेते हैं।

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