हरिद्वार

साइबर गुलामी शोषण का एक आधुनिक रूप

साइबर धोखाधड़ी: अवैध रूप से बंधक बनाकर किया जाता मजबूर

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रजत चौहान) हरिद्वार। आधुनिक होती दुनिया और रोज नई नई तकनीक के अभ्युदय के साथ ही रोज ही दुनिया को साइबर ठगों के नए नए स्कैम से भी रुबरु होना पड़ रहा है। साइबर ठगी लगभग दुनिया के हर देश की सरकार के लिए बड़ी दिक्कत बन चुकी है, ऐसे में विदेश में नौकरी ढूंढने वाले लोगों के लिए एक और परेशानी सामने आ रही है, दरअसल नौकरी ढूंढने वाले लोगों को जबरन साइबर लुटेरों गिरोह में शामिल किया जा रहा है, जिनसे साइबर ठगी करवाई जा रही है, भारत सरकार के गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाली आप्रवासन ब्यूरो (बीओआई) के आंकड़ों के मुताबिक कंबोडिया, थाइलैंड, म्यांमार और वियतनाम में विजिटर वीजा पर जनवरी 2022 से मई 2024 के बीच 73,138 यात्री भारत से यात्रा पर गए थे इसमें से 29,466 भारतीय अभी तक वापस लौटे नहीं हैं और आशंका है कि इन सब को बंधक बनाकर साइबर ठगी के स्कैंडल में प्रयोग किया जा रहा है, साइबर स्लेवरी के तहत काम करने वाले लोगों को साइबर लुटेरों का गिरोह दवाब बना कर भारतीयों को कॉल कर विभिन्न तरह के स्कैंडल के माध्यम से ठगी करने पर मजबूर करता है, इंटरनेट पर मौजूद प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को टारगेट किया जाता है। भारतीय होने की वजह से कई लोग हिंदी और स्थानीय भाषा बोल सकते है, इस तरह के झांसे में कई लोग फंस जाते है, उसके बाद वे अपने लाखों-करोड़ो रुपये गंवा देते है।

भारतीय जांच एजेंसियों का कहना
हम उनकी पहचान करने, उनसे संपर्क करने और उचित माध्यमों से उन्हें भारत वापस लाने का प्रयास कर रहे है, घोटाले वाली कंपनी के स्थान, उनके कार्यकर्ताओं, उनकी कार्यशैली और उनके प्रबंधन के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी एक की जा रही है, भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र ने हाल ही में वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया था, इसमें साइबर फ्रॉड की घटनाओं का जिक्र किया गया। बताया गया कि साइबर फ्रॉड की ज्यादातर घटनाएं कंबोडिया, दुबई, चीन और म्यामांर से हो रही है।

भारत सरकार का एक्शन
भारत सरकार ने साइबर गुलामी से जुड़े 21.7 मिलियन मोबाइल फोन कनेक्शन काट दिए है, तथा घोटालेबाजों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले संचार चैनलों को बाधित करने के लिए लगभग 226,000 हैंडसेट ब्लॉक कर दिए हैं। साइबर गुलामी के विरुद्ध प्रयासों में समन्वय स्थापित करने के लिए गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) सहित विभिन्न मंत्रालयों के सदस्यों को शामिल करते हुए एक अंतर-मंत्रालयी पैनल की स्थापना की गई है। दूरसंचार ऑपरेटरों को उन अंतर्राष्ट्रीय कॉलों को रोकने का काम सौंपा गया है, जिनमें भारतीय मोबाइल नंबर होते है, जो धोखाधड़ी वाले संचार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते है, सरकार संकट में फंसे व्यक्तियों का पता लगाने और उनकी सहायता करने के लिए दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में घूम रहे भारतीय मोबाइल नंबरों पर सक्रिय रूप से निगरानी रख रही है।

विदेश में मोटा पैसा कमाने की ललक, तो सावधान रहें
साइबर स्लेवरी या साइबर गुलामी एक गंभीर समस्या है, भारतीय लोगो को उच्च वेतन वाली नौकरियों का झांसा देकर साइबर गुलामी के जाल में फंसाया जा रहा है। सरकार ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कई उपाय किए है, लेकिन इसके लिए आपका भी जागरूक रहना बेहद जरूरी है, जिस देश जाना है, जिस कंपनी में जॉब करना है, जिस ट्रैवल एजेंट के माध्यम से आप बाहर जा रहे है, सबकी साख और पुराने इतिहास को अच्छे से जांच पड़ताल कर लें तभी बाहर जाने की सोचें।

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