हरिद्वार

चर्चा: बीएलओ की सुस्ती, कई मतदाताओं का नाम लिस्ट से उड़ा, मतदाता हुए परेशान

रवि चौहान हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रवि चौहान) हरिद्वार। लोकतंत्र में मतदान को सबसे बड़ा दान मानने के क्रम में उत्तराखंड में बृहस्पतिवार को हुए नगर निकाय चुनावो के लिए मतदान में सभी पार्टियों, प्रत्याशियों द्वारा आम जनता को ज़्यादा से ज़्यादा संख्या में घर से निकल मतदान करने का आवाहन जरूर किया गया था। किन्तु सरकारी तंत्र की लापरवाही का आलम यह है कि कई लोगो के मतदाता सूची में नाम ही नही मिले। लोग कई-कई देर मतदान केंद्रों के बाहर लिस्ट में अपना व अपने परिजनों का नाम खोजते रहे और नाम न मिलने पर मायूस होकर अपने घर को चले गए।

अगर बात की जाए उत्तराखंड के हरिद्वार जिले की जिसमें नगर निकाए 14 केंद्रों पर मतदान सुबह 8 बजे से ही मतदाताओं में मतदान को लेकर खासा उत्साह दिखाई दिया था, हालांकि आलम यह भी था कि हरिद्वार के कई वार्डो में लोग अपना व अपने परिजनों का नाम ढूंढते रहे किन्तु कई देर की मेहनत के बाद भी उनका नाम लिस्ट में दूर दूर तक नही था। कई वार्डो में जिन मतदाताओ ने 2019 के नगर निकाय चुनावों में वोट दिया था उनका इस बार लिस्ट से नदारद मिला। जिसने एक बार फिर सरकारी मशीनरी की सुस्ती का नजीर पेश किया है। शहर में चर्चा है कि बीएलओ द्वारा अपनी जिम्मेदारियों से भागने का सबूत है। और हो भी क्यों न हर वर्ष 24 जनवरी को मतदाता दिवस नाम भर का मनाया जाता है, आम जनता अपना नाम वोटर लिस्ट में चढ़ाने को खुद बीएलओ के चक्कर काटते नज़र आते है, जबकि बीएलओ व उनके प्रतिनिधियों का दायित्व होता है कि मतदान से पूर्व अपने वार्ड में जाकर मतदाताओं को सूचित करें व जागरूक करें और मतदान केंद्र के बाहर सहायता को तैयार रहें। किन्तु यहां हाल ऐसा है कि मैदान केंद्रों के बाहर तो छोड़िए बीएलओ मतदाताओं का नाम सूची में चढ़ाने की जहमत नही उठा रहे है, ऐसे में चुनावो में अपने अधिकारों का उपयोग आम जनता किस लिहाज में करे यह समझना मुश्किल है।

सवाल यह भी लाजमी है कि लोकसभा व विधानसभा चुनावों में अपने क्षेत्रों से मतदान करने वाले मतदाताओं का निवास स्थान वार्ड से अपने आप बाहर कैसे हो जा रहे है कि नगर सूची में उनका नाम ही नही आ रहा है। हरिद्वार क्षेत्रांतर्गत वार्ड नंबर 16 शिवलोक कॉलोनी में भी कई मतदाता सुबह तैयार होकर घर से वोट डालने तो निकले पर उनका नाम मतदाता सूची से नदारद मिला तो वहीं कई मतदाता 2019 नगर निकाय चुनावों में वोट डाल चुके है पर इस बार दूर दूर तक उनका नाम नही था। ऐसे में अपनी समस्याओं का निवारण ढूंढ रही जनता अपना प्रतिनिधि कैसे चुनेगी?

Related Articles

Back to top button