देहरादून

चर्चा: हरिपुर कलां में आश्रम, होटलों की बढ़ती संख्या से सड़के बनी पार्किंग, कब मिलेगी लोगो को निजात

दिनभर छोटे बड़े वाहन खड़े होने से आए दिन बनती जा रही है जाम की समस्या

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) देहरादून। तीर्थ नगरी हरिद्वार में दिन भर लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं, वहीं तीर्थ नगरी में श्रद्धालुओं की सुविधा हेतु हजारों की संख्या में आश्रम एवं धर्मशाला व होटल आदि बने हुए हैं, तीर्थ नगरी हरिद्वार में पिछले काफी समय से बड़े-बड़े होटल, आश्रमों ओर धर्मशालों की दिन पर दिन बढ़ती संख्याओं से स्थानीय निवासियों को जाम से दो-चार होना पड़ता है। चर्चा है कि होटल, आश्रम और धर्मशाला में रुके हुए श्रद्धालुओ से रुकने का मुंह बोला पैसा मांगा जाता है पर पार्किंग ना होने के कारण श्रद्धालुओं के वाहन सड़कों पर ही दिखाई देते हैं। वही ऐसा ही एक मामला देहरादून जिले के रायवाला थाना क्षेत्र स्थित हरिपुर कलां में भी यात्रियों के ठहरने के लिए काफी संख्या में आश्रम, होटल और धर्मशालाएं बनी हुई है। लेकिन इन आश्रमों एवं होटल स्वामियों द्वारा यात्रियों के बड़े-बड़े वाहनों को सड़क पर ही पार्क करा दिया जाता है, जिससे दिनभर स्थानीय लोगों को काफ़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है, और जाम की स्थिति बनी रहती है। जानकारी के मुताबिक कई बार स्थानीय लोगों द्वारा संस्थाओं के प्रबन्धक से वाहनों को अन्य स्थानों पर खड़ा करने की बात की गई, लेकिन संस्थाओं द्वारा वाहनों को सड़क पर ही पार्किंग किया जा रहा है। शहर में चर्चा है कि इन बड़े-बड़े आश्रमों, होटलों में यात्रियों द्वारा दिन भर लाखों रुपए की आमदनी होती है, उसके बावजूद बड़े-बड़े वाहनों को सड़क पर ही खड़ा किया जा रहा है। वहीं सुबह-सुबह स्कूल के वाहन भी गुजरते हैं, पर सवाल यह उठता है कि प्रशासन द्वारा इन संचालकों पर कब कार्यवाही की जाएगी। होटल, आश्रमों के बाहर सड़क पर वाहन खड़े होने से कारण आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है, जिससे स्कूल के बच्चों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। लेकिन आश्रमों के प्रबंधन इस बात पर ध्यान नहीं दे रहे, प्रशासन को ऐसे आश्रमों एवं होटलों पर कार्यवाही करनी चाहिए जिससे स्थानीय लोगों को जाम की स्थिति से निजात मिल सके, अब ये देखना होगा कि क्या पुलिस प्रशासन द्वारा इन संचालकों पर कार्रवाई कर लोगों को जाम से निजात दिला पाएगी या नहीं यह तो अब आने वाला वक्त ही बताएगा।

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