कांवड़ मेला पुलिस प्रशासन के लिए बना चुनौती, लगातार अधिकारियों के साथ बैठक जारी
कई करोड़ शिवभक्त कावड़ियों का तीर्थ नगरी पहुंचने का है अनुमान

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(चिराग कुमार) हरिद्वार। कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से प्रारंभ हो चुकी है, जिसको लेकर पुलिस प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है, और पुलिस के लिए इस बार का कावड़ यात्रा मेला एक चुनौती बना हुआ है। जी हां इस बार शिवभक्त कावड़ियों का आंकड़ा 6 से 7 करोड़ हरिद्वार पहुंचने का बताया जा रहा है। जिसको लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल लगातार अधिकारियों के साथ कावड़ यात्रा को सकुशल संपन्न करवाने के लिए बैठक कर रहे हैं। तो वहीं सूबे के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव और उत्तराखंड डीजीपी ने भी कावड़ मेला को लेकर सीआरआर भवन में बैठक की है। पुलिस के लिए कावड़ मेला चुनौती इसलिए बना हुआ है कि 11 जुलाई से प्रारंभ हुए कावड़ मेला में अलग-अलग राज्यों से बड़ी तादाद में शिवभक्त हरकी पौड़ी गंगाजल लेने पहुंचते हैं पर उसमें कुछ कावड़िए उत्पाद मचाने से बाज नहीं आते हैं। पूर्व में तीन चार दिन में हुए अलग-अलग थाना क्षेत्र से गंगाजल लेने आए कुछ कांवड़ियों ने धर्मनगरी में जमकर तांडव मचाया है साथ ही गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त किया है, तो वहीं पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उत्पाद मचा रहे कावड़ियों को सबक सिखाते हुए कानूनी कार्रवाई की गई है। वहीं शुक्रवार को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल हरिद्वार द्वारा सीसीआर भवन हरिद्वार में ज़ोनल एवं सुपर ज़ोनल अधिकारियों के साथ बैठक ली गई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य कांवड़ मेला 2025 के पहले दिन के संचालन की समीक्षा करना तथा सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाना रहा। बैठक में निर्देश दिए कि प्रत्येक ज़ोनल अधिकारी अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ सामंजस्य बनाए रखें और फील्ड स्तर पर सक्रिय उपस्थिति दर्ज कराएं। हर सूचना पर त्वरित कार्रवाई हो, किसी भी स्थिति में संवाद की कमी न रहे। वहीं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र डोबाल ने विशेष रूप से हिदायत दी कि बड़े आकार की कांवड़ों, हाई वोल्टेज बिजली लाइनों, और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सुरक्षा में कोई चूक न हो। संवेदनशील स्थलों पर ड्रोन से निगरानी और QRT टीमों की मौजूदगी अनिवार्य हो।