देहरादून

चर्चा: छोटे छोटे बच्चों की जान को जोखिम में डालकर तेज रफ़्तार में दौड़ते देखे जाते हैं स्कूल वाहन

राजेश कुमार देहरादून प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) देहरादून। उत्तराखंड में स्कूल वाहन चालकों की लापरवाही से सड़क दुर्घटनाएं होने की खबरें सामने आ रही हैं। लेकिन प्रशासन एवं स्कूल प्रबंधन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती। जिससे स्कूल वाहन चालकों द्वारा नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सरेआम छोटे-छोटे बच्चों को सुरक्षित रखने के बजाय तेज गति से वाहनों को सड़कों पर दौड़ते हुए दिखाई देते है। जिस कारण आए दिन बड़ी दुर्घटनाएं होने के मामले सामने आते रहते हैं। वहीं उत्तराखंड के जनपद उधम सिंह नगर में ऐसी कई बार बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं जहां स्कूल वाहनों के चालकों की बड़ी लापरवाही के कारण बड़े सड़क हादसे हुए हैं। लेकिन बड़े-बड़े निजी स्कूल के डायरेक्टर अपनी प्रशासन व सरकार में अपनी पहुंच के कारण प्रशासन किसी तरह के कोई कठोर कार्रवाई नहीं कर रहा। जिस कारण कई निजी स्कूलों के वाहन चालकों के हौसले इतने बुलंद होते चले जा रहे हैं सरेआम नियमों को ताक पर रखकर छोटे-छोटे बच्चों की जान को जोखिम में डाल रहे हैं। जहां अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए स्कूल वाहनों की मुंह मांगी फीस देते हुए बच्चों को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। तो वहीं कुछ स्कूल वाहन चालकों की लापरवाही से मासूमों की जिन्दगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। अक्सर दिखने को मिलता है कि सुबह के समय में निजी स्कूल वाहनों के चालक अलग अलग जगह से बच्चों को लेकर तेज गति से वाहन दौड़ते हुए देखे जाते हैं।
जिससे कई बार बड़ी दुर्घटनाएं होने का डर बना रहता है। शहर में चर्चा है की कई स्कूल वाहन चालकों के पास फिटनेस या ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं पाए जाते हैं, यदि किसी व्यक्ति द्वारा स्कूल प्रबंधन से शिकायत की जाती है तो स्कूल प्रबंधन की ओर से किसी तरह से कोई कार्यवाही नहीं की जाती। बड़े बड़े निजी स्कूलों के डायरेक्टर अपनी पहुंच का फायदा उठाते हुए कानून को ठेंगा दिखाते हुए मनमाने तरीके से स्कूल चला रहे हैं। वहीं जनपद उधम सिंह नगर में आए दिन बड़े हादसे होने पर प्रशासन पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर ऐसे निजी स्कूल प्रबंधन पर मेहरबानी की जा रही है आख़िर वाहन चालकों के विरुद्ध कोई कठोर कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही। जल्द ही सरकार को ऐसे स्कूल वाहन चालकों की जांच कर कठोर कार्रवाई करनी चाहिए।

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