हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज व देवसंस्कृति विश्वविद्यालय में उमंग व उत्साह के साथ दिवाली मनाई गयी। शांतिकुंज व देसंविवि परिसर को प्राकृतिक रंग एवं गुलाल से आर्कषक ढंग से सजाया गया था, पर्व के मुख्य कार्यक्रम में गायत्री परिवार के प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैल दीदी ने बही खाता आदि का पूजन किया। इस अवसर पर गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या ने कहा कि दिया जो स्वयं जलकर औरों का अंधियारा मिटाती है, उसी तरह हमारा भी व्यक्तित्व बनें। श्रद्धेय डॉ पण्ड्या ने कहा कि दिवाली हमें स्वयं के पुरुषार्थ से आर्थिक उपार्जन करने का संदेश देती है और ऐसे ही परिवार, घर, संस्थान को माता लक्ष्मी अपना निवास स्थान बनाती है। संस्था की अधिष्ठात्री शैल दीदी ने कहा कि खर्चीलेपन की आदत को मिटाने के संकल्प के साथ दीपोत्सव मनाना चाहिए। देसंविवि के प्रतिकुलपति युवा आइकॉन डॉ चिन्मय पण्ड्या ने कहा कि हमारे भीतर एक दीया ऐसा जले, जो हमारे अंदर के अंधकार को मिटा दें और नये सौभाग्य को जगायें।
इससे पूर्व संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैल दीदी व श्रद्धेय डॉ. पण्ड्या ने पर्व पूजन किया तथा वेदमाता गायत्री ट्रस्ट के ट्रस्टी एवं लेखा विभाग प्रभारी श्री हरीशभाई ठक्कर ने बही खातों का पूजन किया। इस अवसर पर वैदिक कर्मकाण्ड डॉ गायत्री किशोर त्रिवेदी व जितेन्द्र मिश्र ने सम्पन्न कराया।