हरिद्वार

चर्चा: हाथरस और मनसा देवी मार्ग के हादसों को लेकर क्या जिला प्रशासन रहेगा सर्तक

हरिद्वार जिले में होता है दशहरे का भव्य आयोजन, बड़ी संख्या में रहती है भीड़

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रजत चौहान) हरिद्वार। आगामी 02 अक्टूबर को हरिद्वार जिले में जगह-जगह होने जा रहा है दशहरे का भव्य आयोजन, जिसको देखते हुए जिला प्रशासन, पुलिस और खुफिया विभाग की टीमें इस पर अपनी पैनी नजर गड़ाए हुए है। शहर में चर्चा है कि उत्तर प्रदेश या उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों पर भगदड़ के दौरान काफी लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और बड़ी तादाद में लोग जख्मी भी हुए थे। हरिद्वार जिले में दशहरे के भव्य आयोजन को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जमा हो जाती है, वहीं जिले में रावण दहन को लेकर अलग-अलग जगहों पर रावण के पुतले बनाए जाते हैं, जिसको देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ आयोजन स्थल पर जमा हो जाती है। और जब रावण का वध कर रावण के पुतले को दहन किया जाता है, तो उस वक्त भीड़ का नजारा कुछ और ही देखने को मिलता है। शहर में चर्चा है कि उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भगदड़ के दौरान मरे लोग धार्मिक स्थानों पर पहुंचे थे। वहीं जानकारी के अनुसार बात की जाए उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले सिकंदराराऊ इलाके के गांव रतिभानपुर की जहां 2 जुलाई 2024 को एक सत्संग कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मच गई थी, जिसमें 121 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। हादसे की वजह एक धार्मिक कार्यक्रम में भारी भीड़ और अपर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था को माना गया था। तो वहीं दूसरी और उत्तराखंड के जिले हरिद्वार की घटना 27 जुलाई 2025 की है, जहां मनसा देवी पैदल मार्ग पर भगदड़ में 9 लोगों ने अपनी जान गंवाई थी। भगदड़ का कारण करंट फैलाने की अफवाह के चलते इतना बड़ा हादसा हुआ था। शहर में चर्चा है कि इन दोनो हादसों से सबक लेकर हरिद्वार जिला प्रशासन 02 अक्टूबर को होने जा रहा दशहरे के भव्य आयोजन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के क्या पुख्ता इंतजाम करता है। दशहरे के दिन रावण का पुतला दहन किया जाता है और अलग-अलग जगहों पर बड़ी तादाद में भीड़ रावण दहन का मंजर देखने के लिए पहुंचती है। अब देखना यह होगा कि क्या जिला पुलिस प्रशासन 02 अक्टूबर को होने वाले भव्य दशहरे के आयोजन को लेकर सुरक्षा के क्या-क्या पुख्ता इंतजाम करता है, ये तो अब आने वाला वक्त ही बताएगा।

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