हरिद्वार

युवा बीज की तरह गलें और विराट वृक्ष बनें: योगेन्द्र गिरि

शांतिकुंज में चल रहे युवा जागरण शिविर का समापन, युवाओं को मिला आत्मबल और दिशा

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रवि चौहान) हरिद्वार। हरिद्वार स्थित गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में आयोजित दो दिवसीय युवा जागरण शिविर का समापन सोमवार को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। शिविर में दिल्ली, उप्र, मप्र, बिहार आदि प्रांतों से आए यूपीएससी की तैयारी में जुटे सैकड़ों युवाओं, प्रशासन में उच्च श्रेणी के अधिकारी, वरिष्ठ वकील एवं विद्वान शामिल रहे। शिविर का उद्देश्य युवाओं में व्यक्तित्व विकास, नैतिक मूल्यों की स्थापना तथा राष्ट्र निर्माण हेतु जागरूकता उत्पन्न करना था। शिविर के दौरान प्रतिभागियों ने संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी से भेंट की और विविध विषयों पर मार्गदर्शन पाया। श्रद्धेया शैलदीदी युवाओं से आत्मबल के साथ जीवन में आगे बढऩे का संदेश दिया। शिविर के समापन सत्र को संबोधित करते हुए शांतिकुंज व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरि ने कहा कि आगामी वर्ष वंदनीया माता भगवती देवी शर्मा की जन्मशताब्दी एवं सिद्ध अखण्ड दीपक के शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। युवाओं को इसमें सक्रिय भागीदारी के लिए अभी से तैयार हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि परिवार, समाज व राष्ट्र के विकास के लिए बीज की तरह गलें और विराट वृक्ष की तरह बनने की दिशा में कार्य करें। उन्होंने कहा कि यदि युवा आत्मबल और आंतरिक आधार को सशक्त बनाए, तो वह व्यक्तिगत, सामाजिक एवं राष्ट्रीय स्तर पर सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। व्यवस्थापक श्री गिरि ने कहा कि शांतिकुंज आपका अपना घर समान है, यहाँ की ऊर्जा से स्नान के लिए बार-बार आयें। इससे पूर्व शिविर में लोकसेवियों के लिए दिशाबोध विषय पर संबोधित करते हुए युवा प्रकोष्ठ समन्वयक श्री केपी दुबे ने कहा कि शांतिकुंज के वैचारिक क्रांति में सहयोगी बनें और अपने क्रिया, विचार और भावनाओं को पोषित करते रहें। प्रो. प्रमोद भटनागर, अशरण शरण श्रीवास्तव, आशीष सिंह, गोपाल शर्मा आदि ने भी युवाओं को जीवन में सकारात्मक परिवर्तन हेतु अपने अपने विचार रखें। इस अवसर पर पटना हाईकोर्ट की वरिष्ठ वकील श्रीमती प्रीति आनंद गुप्ता ने अपने जीवन के अनुभव साझा करते हुए बताया कि गायत्री परिवार से जुडऩे के बाद उनके जीवन में सकारात्मक व क्रांतिकारी परिवर्तन आया। इसी प्रकार मनीष कुमार, विनय पाण्डेय, डॉ नीरज शर्मा आदि ने भी अपने प्रेरणादायक अनुभव सुनाए।

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