150 वर्ष बाद भी ‘वंदे मातरम्’ आत्मविश्वास, ऊर्जा और राष्ट्रप्रेम का संचार करता है: प्रो. बत्रा
चिराग कुमार हरिद्वार संवाददाता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(चिराग कुमार) हरिद्वार। एसएमजेएन पीजी कॉलेज में आज आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के तत्वावधान और उच्च शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार, ‘संविधान दिवस’ और राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ‘वंदे मातरम्’ का सामूहिक गायन रहा, जिसमें महाविद्यालय के विद्यार्थियों, प्राध्यापकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने पूर्ण उत्साह के साथ भाग लिया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. सुनील कुमार बत्रा ने युवाओं को राष्ट्र के प्रति समर्पण का संदेश दिया। उन्होंने कहा, “भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में रचित यह गीत आज 150 वर्षों बाद भी हम सभी में आत्मविश्वास और ऊर्जा का संचार करता है। ब्रिटिश सरकार ने इस गीत से उत्पन्न प्रबल राष्ट्रीय भावना और जनांदोलन को देखकर ही इस पर प्रतिबंध लगाया था। आज परिसर में लहराते तिरंगों के बीच सामूहिक गायन का यह दृश्य देशभक्ति और एकता की भावना को और अधिक सुदृढ़ बनाता है।” संविधान दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए प्रो. बत्रा ने भारतीय संविधान को विश्व का विशिष्ट संविधान बताया, जो सभी वर्गों और धर्मों के उत्थान की बात करता है। मुख्य अतिथि समाज सेवी अभय गर्ग ने अपने संबोधन में कहा कि ‘वंदे मातरम्’ स्वदेशी आंदोलन का प्रमुख उद्घोष था। यह बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, भगत सिंह और सुभाष चंद्र बोस जैसे महान क्रांतिकारियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना। इस अवसर पर अधिष्ठाता छात्र कल्याण डॉ. संजय कुमार माहेश्वरी ने युवाओं को आत्मचिंतन कर सही मार्ग चुनने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन विद्यार्थियों के व्यक्तित्व विकास और राष्ट्रप्रेम की भावना को सुदृढ़ करते हैं। राजनीति विज्ञान विभाग के प्रो. विनय थपलियाल ने संविधान के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “संविधान किसी भी देश के लिए ऑक्सीजन के समान है। इसी के कारण हमारे अधिकार सुरक्षित हैं। संविधान की प्रस्तावना, जो धर्मनिरपेक्षता, समाजवाद, संप्रभुता और संपन्न राष्ट्र के मूल्यों को समाहित करती है, अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस अवसर पर प्रो. जे.सी आर्य, डॉ. मन मोहन गुप्ता, विनय थपलियाल डॉ संजय माहेश्वरी डॉ. सुषमा नयाल, डॉ. नलिनी जैन, डॉ. शिवकुमार चौहान, डॉ. सरोज शर्मा, डॉ. रेनू सिंह, डॉ. मोना शर्मा, डॉ. आशा शर्मा, डॉ. पूर्णिमा सुंदरियाल, डॉ. लता शर्मा, डॉ. पद्मावती तनेजा, वैभव बत्रा, विनीत सक्सेना, विवेक मित्तल, यादविंदर सिंह, दिव्यांश शर्मा डॉ विजय शर्मा श्रीमती रिचा मिनोचा श्रीमती रिंकल गोयल अंकित बंसल डॉगीता शाह डॉ लता शर्मा आस्था आनंद कविता छाबड़ा, वंदना, डॉ प्रदीप त्यागी डॉ पूर्णिमा, भव्या भगत और कार्यालय अधीक्षक मोहन चंद्र पांडेय सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।











