देहरादून

उत्तराखंड महिला हेल्प लाइन में आने वाले पारिवारिक मामलों में होनी चाहिए निष्पक्ष काउंसलिंग

काउंसलिंग के दौरान पीड़ित पक्ष की बात को अधूरा सुना जाने से टूट रहे दांपत्य रिश्ते

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(राजेश कुमार) देहरादून। उत्तराखंड पुलिस द्वारा प्रदेश भर के थानों में महिला हेल्प लाइन डेस्क बनाए गए हैं। जिसमें पति पत्नी के बीच समस्याओं को सुनते हुए दोनों पक्षों की समस्या का समाधान कर रिश्तों को बचाने में अहम भूमिका रहती है। जिससे महिला हेल्प लाईन प्रभारियों द्वारा महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए अभी तक हज़ारों टूटते हुए परिवारों को बचाने में कामयाबी हासिल हुई है। वहीं कई बार महिला हेल्प लाईन में देखा जाता है कि किसी राजनीतिक दबाव में या किसी की सिफारिश होने पर पारिवारिक मामलों में निष्पक्ष सुनवाई न होने से पति पत्नी के रिश्तों में दूरियां बढ़ जाती हैं। जिससे तलाक की स्थिति हो जाती है। जिस कारण बच्चों का भविष्य भी अंधकारमय हो जाता है। अक्सर कई बार महिलाओं द्वारा महिला हेल्प लाईन में अधिकारियों के समक्ष पति की झूठी शिकायत करते हुए गुमराह करने में सफल हो जाती हैं। जिस पर महिला हेल्प लाईन प्रभारियों द्वारा महिला की बात को सही मानते हुए पुरुषों की बात को गंभीरता पूर्वक नहीं सुना जाता जिस कारण पीड़ित पति न्याय की उम्मीद लिए जब पुलिस द्वारा न्याय नहीं मिलने से पुरुष अपनी पत्नी द्वारा किए जा रहे उत्पीड़न का शिकार हो रहे हैं। और पत्नी द्वारा उत्पीड़न से तंग आकर आत्म हत्या तक करने को मजबूर हो रहे हैं। महिला हेल्प लाईन प्रभारियों को दोनों पक्षों की समस्याओं को सुनते हुए सच्चाई को समझना चाहिए। जबकि कई बार महिला हेल्प लाईन प्रभारियों द्वारा दोनों पक्षों की निष्पक्ष सुनवाई कर पति पत्नी के बीच आपसी समझौता करवाते हुए टूटते हुए परिवार बचाए गए हैं। लेकिन कहीं कहीं महिला हेल्प लाईन में निष्पक्ष सुनवाई न होने के कारण पति पत्नी के रिश्ते कमजोर हो रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस के उच्च अधिकारीयों को समस्त महिला हेल्प लाईन प्रभारियों को निष्पक्ष काउंसलिंग कराए जाने हेतु निर्देशित किया जाना चाहिए। जिससे उत्तराखंड पुलिस के प्रति भरोसा कायम रहे।

Related Articles

Back to top button