पूर्व राष्ट्रपति डॉ० एपीजे अब्दुल कलाम ने हमेशा हुनर सिखने को महत्त्व दिया: साबरी
जावेद अंसारी पिरान कलियर प्रभारी
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(जावेद अंसारी) पिरान कलियर। आज ह्यूमन इफेक्टिव रिलीफ एडवांस ट्रस्ट के मिशन कोई ना रहे अशिक्षित के तहत चलाए जा रहे हैं, कोचिंग सेंटर और कंप्यूटर सेंटर पर बच्चों ने मिसाइल मैन ऑफ इंडिया और पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम साहब के जन्मदिन को मनाया जिसमे टीचर्स ने अपने अपनें केंद्रों पर बच्चों को मिसाइल मैन ऑफ इंडिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी और आपके संघर्ष के बारे में बच्चों को बताया। ट्रस्ट के फाउंडर पीर एम ए साबरी ने बताया कि पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर अबुल पाकिर जैनुलआब्दीन अब्दुल कलाम (एपीजे अब्दुल कलाम) का जन्म तमिलनाडु के रामेश्वरम के धनुषकोडी गांव के एक मुस्लिम परिवार में 15अक्टूबर 1931 ईस्वी को ब्रिटिश राज मे हुआ इनके पिता जैनुलाब्दीन ना तो ज़्यादा पढ़े-लिखे थे ना ही पैसे वाले थे डॉक्टर साहब का बचपन बहुत मशक्कतों से भरा हुआ था लेकिन अपनी शिक्षा से कभी पिछे नहीं हटे पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर अ पी जे अब्दुल कलाम साहब हमेशा सीखने के हुनर को और शिक्षा महत्व देते थे। ट्रस्ट के अध्यक्ष गुलफ्राज अली ने बच्चो से अलग अलग प्रश्न करके बच्चों की शिक्षा का महत्त्व भी जाँचा सभी शिक्षकों और स्टाफ का शुक्रिया अदा किया और बच्चों को कहा की आप खूब मन लगा कर पढ़े लिखे और अच्छे इन्सान बन कर आगे देश की सेवा करने मे ख़ुद को समर्पित करें और कहा कि हमारा ट्रस्ट बच्चो को ज़्यादा से ज़्यादा शिक्षित बना कर उनको जागरुक और आत्मनिर्भर बनाने की कोशिश कर रहा है जिससे वह अपनी गरीबी दूर करके अपने देश को खुशहाल बनाने मे सक्षम बने, इस अवसर पर ट्रस्ट के तमाम ट्रस्टीगण उपस्थित रहे।