हरिद्वार

गुुरु कार्य में समर्पित है गायत्री परिवार प्रमुख का सम्पूर्ण जीवन

चेतना दिवस के रूप में मनाया गया डॉ. पण्ड्या का जन्मदिन

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(नीटू कुमार) हरिद्वार। अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या जी का ७४वाँ जन्मदिन (रूप चतुर्दशी) को चेतना दिवस के रूप में मनाया गया। नौ दीपकों की साक्षी में बेहद सादगी पूर्ण रूप से जन्मदिन कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। पश्चात संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी, व्यवस्थापक महेन्द्र शर्मा सहित देवसंस्कृति विवि, शांतिकुंज, गायत्री विद्यापीठ के बच्चों सहित देश के कोने-कोने से आये साधकों ने पुष्पगुच्छ भेंटकर उनके स्वस्थ जीवन की मंगलकामना की। इस अवसर पर संस्था की अधिष्ठात्री श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि उनका सम्पूर्ण जीवन अपने आराध्यदेव के लिए समर्पित रहा। आधुनिक युग में बहुत कम ऐसे लोग मिलते हैं, जो पद और वैभव को तिलांजलि दे, समाज में रचनात्मक बदलाव और मानवता की बेहतरी के लिए चल रहे कदम को मजबूती देने के लिए अपना सर्वस्व लगा देते हैं। उन्होंने कहा कि उनकी तन्मयता ऐसी है, जैसे अध्यात्म और विज्ञान को एक करने के लिए ही जन्म लिया हो, अब तो विज्ञान और अध्यात्म श्रद्धेय डॉ पंड्या जी के जरूरी अंग जैसे हो गए हैं। जिसके बिना वो पूरे नहीं होते, इसी कर्मठता और अथक दृढ़ता ने उन्हें संकल्प शक्ति, विचारों की ऊर्जा और आत्मविश्वास का पावर हाउस बना दिया। आज उसी संकल्प शक्ति से प्रेरित होकर लाखों युवा सनातन संस्कृति, अध्यात्म और युग निर्माण मिशन की ओर अग्रसित हो रहे हैं। वैज्ञानिक अध्यात्मवाद के प्रणेता तथा एमडी (मेडीसिन) में स्वर्ण पदक प्राप्त हृदयरोग विशेषज्ञ श्रद्धेय डॉ. पण्ड्या ने देश-विदेश में युवाओं का मार्गदर्शन, भारतीय संस्कृति का विश्वभर में प्रचार-प्रसार, देव संस्कृति विवि के संचालन, साहित्य लेखन-संपादन, विज्ञान और अध्यात्म का समन्वय पर शोध कार्य जैसे अनेक विशिष्ट कार्यों में उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इससे पूर्व शांतिकुंज के अंतेवासी कार्यकर्त्ता एवं विभिन्न शिविरों में आये साधकों ने 27 कुण्डीय यज्ञशाला में श्रद्धेय डॉ. पण्ड्या की दीर्घायु एवं स्वस्थ जीवन की मंगल कामना करते हुए आहुतियाँ दीं। साथ ही शांतिकुंज द्वारा संचालित हो रहे देश भर की पाँच हजार से अधिक प्रज्ञा संस्थानों में भी गायत्री परिवार प्रमुख श्रद्धेय डॉ. पण्ड्या का जन्म दिवस चेतना दिवस के रूप में मनाया गया। वहीं देवसंस्कृति विवि के मृत्युजंय सभागार में उनका जन्मदिन को चेतना दिवस के रूप में सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ मनाया गया। ईएमडी विभाग ने श्रद्धेय डॉ. पण्ड्या के जीवन के महत्त्वपूर्ण क्षणों पर आधारित लघु फिल्म दिखाई और संगीत विभाग की टीम ने बधाई संगीत प्रस्तुत किया। इस दौरान प्रतिकुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या, विभागाध्यक्ष, प्रोफेसर एवं विद्यार्थीगण उपस्थित थे।

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