हरिद्वार की गूंज (24*7)
(गगन शर्मा) हरिद्वार के ऋषिकुल, भगत सिंह चौक आदि स्थानो पर बाहरी लोग आकर सड़क किनारे रहना शुरू कर देते है। दिखाने के लिए ये लोग मिट्टी की मूर्ति आदि बनाते है। पिछले एक दशक से ज्यादा समय से ये काफी संख्या में हरिद्वार की दशा और दिशा बिगाड़ने में अपना योगदान देते आ रहे है। जहाँ भी रहेगे उस जगह को ये शौच आदि से गन्दा करके रखते है। आम राहगिरो के लिए संकट और समस्या ये है कि इनके बच्चे सड़क पर खेलते खेलते आ जाते है जो कि दुर्घटना का कारण बनते है। दुर्घटना होने पर ये सभी लोग एकत्र होकर वाहन चलाने वाले के लिए सर दर्द बन जाते है। जिला प्रशासन द्वारा इन्हे हटाने के कुछ समय बाद फिर वही आकर रहना शुरू कर देते है। इनके अभिभावक द्वारा 15 साल तक के बच्चो द्वारा भिक्षावृति कराई जाती है। जो कि पुलिस प्रशासन के “शिक्षा दो भिक्षा नही” की योजना में बाधक बनते है। इस गम्भीर समस्या के लिए जिला प्रशासन और राज्य सरकार को गम्भीरता से चिंतन करने की सख्त जरूरत है।