हरकी पौड़ी कर दी सील, श्रद्घालुओं ने अन्य गंगा घाटों पर किया स्नान, दावे हुए फेल
संजय चौहान मुख्य सम्पादक
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(संजय चौहान) हरिद्वार। जिला पुलिस प्रशासन द्वारा मकर संक्रांति स्नान पर्व पर हरकी पौड़ी सहित अन्य गंगा घाटों को सील किए जाने के बावजूद भी हरिद्वार में स्नानार्थियों की भीड़ ने डीआईजी-एसएसपी डा० योगेंद्र सिंह रावत की श्रद्धालुओं से स्नान के लिए न आने की अपील को कोरा साबित करते हुए जमकर गंगा स्नान कर पुण्य लाभ कमाया। बता दें कि विगत दिनों पूर्व डीआईजी-एसएसपी हरिद्वार ने कहा था कि यदि श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं तो उन्हें भारी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है हालांकि सोशल मीडिया पर डीआईजी की ये अपील तेजी से वायरल भी हुई थी, लेकिन उनकी यह अपील स्नानार्थियों पर कोई काम न कर सकी और एक बार फिर आस्था प्रशासन की रोक पर भारी पड़ती नजर आयी। कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने मकर संक्रांति पर्व के स्नान पर रोक लगा दी थी। मकर संक्रांति पर्व पर हरकी पैड़ी पूरी तरह से सील रही, आसपास के गंगा घाटों पर भी स्नान न हो इसके लिए कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए थे। देखकर ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मानों यहां कोई परिंदा भी पर्र नहीं मार सकेगा, चूंकि मकर संक्राति स्नान पर्व की खासी मान्यता है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं ऐसे में श्रद्धालु यहां न पहुंचे इसके लिए पुलिस महकमे ने सोशल मीडिया का सहारा भी लिया था। डीआईजी-एसएसपी डा. योगेंद्र सिंह रावत ने स्वयं अपनी अपील का वीडियो जारी कर श्रद्धालुओं से कोरोना संक्रमण को देखते हुए मकर संक्रांति स्नान के लिए हरिद्वार न आने की बात कही थी। उनका कहना था कि चूंकि संक्रमण फैल रहा है इसलिए श्रद्धालु अपने घरों में रहें। यहां आने पर उन्हें दिक्कत का सामना कर पड़ सकता है। डीआईजी की अपील सोशल मीडिया पर खूब देखी गयी, बावजूद इसके आस्था इन सब दावों और अपीलों पर भारी पड़ती दिखी। केवल हरकी पौड़ी को छोड़कर आसपस पास के तमाम गंगा घाटों पर श्रद्घाओं की अपार भीड़ ने प्रशासन द्वारा स्नान पर्व पर लगायी गयी रोक के दावों की हवा निकालकर रख दी है। वहीं पुलिस प्रशासन की इस रवैये पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए गंगा सभा के पदाधिकारी डा० सिद्घार्थ चक्रपाणी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पुलिस प्रशासन की दोहरी नीति के चलते ही आज दूर-दराज से यहां आने वाला स्नानार्थी काफी परेशान व हैरान है, क्योंकि हरिद्वार में चुनावी रैलियां और कार्यक्रम तो खूब हो रहे हैं, लेकिन धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और प्रतिबंध भी सिर्फ और सिर्फ हरकी पौडी पर, जबकि आसपास के गंगा घाट यात्रियों से चकाचक भरे पड़े हैं। सिर्फ हरकी पौड़ी को प्रतिबंध किया जाना सरासर गलत है। कोरोना क्या सिर्फ हरकी पौड़ी ब्रहमकुंड पर स्नान करने से ही फैलेगा ? अन्य गंगा घाटों पर स्नान करने से क्या कोरोना नहीं फैलेगा ? ठीक है कोरोना के दृष्टिगत यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है, लेकिन प्रशासन को चाहिए था कि कोविड नियमों का पालन कराते हुए हरकी पौड़ी पर भी स्नान कराया जाता, लेकिन प्रशासन की इस दोहरी नीति की निंदा करते प्रशासन से अपील करते हैं कि स्नान पर्वों और धार्मिक आयोजनों पर छूट देते हुए पर्व मनाने की अनुमति देनी चाहिए।
बेरिकेट लगाकर यात्रियों और स्थानीय लोगों को किया परेशान
सर्वविदित है कि कोरोना ने लोगों के अंदर काफी खौफ पैदा कर दिया है और इसी का लाभ उठाकर सुरक्षा का हवाला देते हुए हरिद्वार का जिला प्रशासन स्थानीय निवासियों और यहां आने वाले यात्रियों व व्यापारियों को परेशान व हैरान करने की कोई कसर नहीं छोड़ता। ऐसा ही कुछ आज मकर संक्रांति पर्व पर देखने को भी मिला। जिला पुलिस प्रशासन ने नगर कोतवाली के पास पोस्ट ऑफिस पर बेरिकेट लगाकर स्थानीय व्यापारियों और यात्रियों को भीतर प्रवेश नहीं करने दिया। इस दौरान पुलिस काफी संख्या में तैनात रही। जबकि ऑटो, ई-रिक्शा वाले भी सवारियों का इंतजार करते रहे। मकर संक्रांति स्नान पर्व पर व्यापारियों से लेकर ऑटो, विक्रम, ई-रिक्शा आदि सभी को इंतजार रहता है। इस दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु आने से कारोबार चलता है। लेकिन इस बार प्रशासन की दोहरी नीति ने सभी को परेशान व हैरान करके रख दिया है।